कर्जदाराें से निपटने के लिए जासूसों की मदद लेगा PNB, भगौड़ों पर लगेगी नकेल

PNB अब लोन लेकर फरार होने वालों के बारे में पता लगाने के लिए डिटेक्टिव की मदद लेगी। इसके लिए बैंक ने Detective एजेंसियों से आवेदन भी मांगे है।

नर्इ दिल्ली। देशभर के कर्इ बड़े सरकारी एवं गैर-सरकारी बैंकों में लगातार घोटाले सामने आ रहे हैं। पिछले दिनों ही पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 13,000 करोड़ रुपए से अधिक के घोटाला सामने आया था। इस घोटोले में हीरा कारोबारी नीरव मोदी आैर उसके मामा मेहुल चोकसी मुख्य आरोपी थे। लेकिन अब भविष्य में इन घोटालों से निपटने के लिए कर्इ बड़े बैंक इसकी तैयारी में जुट गए हैं। इसी सिलसिले में पीएनबी भी एक कदम उठाने जा रही हैं। पीएनबी अब लोन लेकर फरार होने वालों के बारे में पता लगाने के लिए डिटेक्टिव की मदद लेगी। इसके पीएनबी ने अपना पहला कदम उठाते हुए कर्इ एजेंसियों से आवेदन भी मांगे है।

मर्इ तक करना होगा आवेदन

पंजाब नेशनल बैंक ने मांगे हुए आवेदन में साफ लिखा हे कि बैंक को 2018-19 के लिए कुछ डिटेक्टिव एजेंसियों की आवश्यकता है, इच्छुक एजेंसियां इसके लिए अावेदन कर सकते हैं। पीएनबी डिटेक्टिव एजेंसियों को इसलिए लगा रहा ताकि वो खराब कर्ज(एनपीए) को वसूल सके आैर साथ ही अपने कर्जदारों पर नजर बनाए रखे। बैंक ने इसके लिए 5 मर्इ तक आवेदन मांगा है। गौरतलब है देश के कर्इ बडें बैंक एनपीए के बोझ से परेशान हैं।
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कर्जदारों की जानकरियां साझा करेगा बैंक

पंजाब नेशनल बैंक को भी एनपीए के परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। 31 दिसंबर 2017 तक पंजाब नेशनल बैंक में 57,519 करोड़ रुपए का एनपीए है। इसके पहले भी पीएनबी ने इन समस्याआें से निपटने के लिए कर्इ दूसरे तरीके अपना चुका हैं। हाल ही में इस बैंक ने इससे निपटने के लिए गांधीगिरी का रास्ता भी अपनाया था। बैंक अपने योजना से डिटेक्टिव एजेंसियों को एनपीए खाताधारकों के बारे में जानकारियां साझा करेगा। इसके बाद ये एजेंसियां कर्जदारों से जुड़ी कर्इ अन्य जानकारियां इकट्ठा करके बैंक के साथ साझा करेंगे। इस एजेंसी को अपनी रिपोर्ट 60 दिनों के अंदर बैंको को देनी होगी। हालांकि किसी इमरजेंसी की स्थिति में इसे बढ़कार 90 दिन किया जा सकता है।

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