विकास की दौड़ में पिछड़े 114 जिलों पर विशेष ध्यान सहस्त्राब्दि विकास लक्ष्य प्राप्त करने के लिए नीति आयोग की ओर से चिह्नित मिशन अंत्योदय और विकास की दौड़ में पिछड़ गए 114 जिलों में इस योजना के क्रियान्वयन एवं अन्य गतिविधियों की निगरानी की जाएगी। कुल 7255.50 करोड़ रुपए की इस योजना में से केंद्र का हिस्सा 4500 करोड़ रुपए तथा राज्यों का हिस्सा 2755.50 करोड़ रुपए होगा। पूर्वोत्तर एवं पर्वतीय राज्यों में केंद्र और राज्य का हिस्सा क्रमश: 90 और दस फीसदी होगा। शेष राज्यों में यह 60 और 40 फीसदी होगा, जबकि केद्र शासित प्रदेशों के लिए केंद्र शत प्रतिशत खर्च वहन करेगा।
जल संरक्षण और डिजिटल लेनेदन पर रहेगा खास ध्यान इस संशोधित योजना से 2.55 लाख पंचायती राज संस्थाओं की प्रशासनिक क्षमता विकसित की जाएगी, ताकि वे उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम इस्तेमाल करके सहस्त्राब्दि विकास लक्ष्यों को हासिल कर सकें। इसमें गरीबी, प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं, पोषण, टीकाकरण, साफ -सफाई, शिक्षा, जल संरक्षण और डिजिटल लेनेदन आदि पर खास ध्यान केंद्रित किया जाएगा। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने 2017-18 के बजट भाषण में 50 हजार ग्राम पंचायतों एक करोड़ परिवारों को गरीबी से बाहर निकालने के लिए मिशन अंत्योदय की घोषणा की थी। मिशन अंत्योदय की गतिविधियों को इस नई योजना में समाहित किया गया है।