Commonwealth Games: पहली बार महिला क्रिकेट टीम को दी गई जगह, ICC और CGF ने लिया फैसला महिला का नाम नवलबेन चौधरी है। वह हर रोज एक डेयरी को 750 लीटर दूध भेजती है। ज्यादा पढ़ी—लिखी न होने के बावजूद वह अपने तजुर्बे से करीब 190 मवेशियों को मैनेज कर रही हैं। इतना ही नहीं वह गांव के दूसरे लोगों को खुद रोजगार मुहैया कराने में भी मदद करती हैं। उन्होंने अपनी डेयरी बिजनेसे से करीब 10 लोगों को काम पर रखा हुआ है। उन्हें वह हर महीने 10 हजार रुपए वेतन देती हैं। उनके पास कुल 190 मवेशी है, जिनमें से 45 गाय औश्र 150 भैंस शामिल हैं। नवलबेन के इस जज्बे को देख गांव की दूसरी महिलाएं भी काफी प्रभावित हैं। इसी के चलते उन्होंने भी डेयरी बिजनेस शुरू किया है।
साल में 2.21 लाख किलो दूध का उत्पादन
नवलबेन का योगदान डेयरी बिजनेस में काफी अहम है। एक न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक उनकी डेयरी साल में करीब 2.21 लाख किलो दूध का उत्पादन करती हैं। इस बात की पुष्टि गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड ने भी की है। कंपनी के मुताबिक नवलबेन प्रतिदिन 750 लीटर दूध बेचती हैं। इस तरह वह वहां के अधिकारियों व प्रबंधकों से भी कई गुना ज्यादा कमाई कर लेती हैं। उनकी सालाना कमाई लगभग एक करोड़ 10 लाख रुपए रुपए है।
नवलबेन का योगदान डेयरी बिजनेस में काफी अहम है। एक न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक उनकी डेयरी साल में करीब 2.21 लाख किलो दूध का उत्पादन करती हैं। इस बात की पुष्टि गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड ने भी की है। कंपनी के मुताबिक नवलबेन प्रतिदिन 750 लीटर दूध बेचती हैं। इस तरह वह वहां के अधिकारियों व प्रबंधकों से भी कई गुना ज्यादा कमाई कर लेती हैं। उनकी सालाना कमाई लगभग एक करोड़ 10 लाख रुपए रुपए है।