साल 2015 में खुला था आर्इडीएफसी बैंक
बैंक के तरफ से बयान में कहा गया है कि, “नाम बदलने के लिए इसके बाद विधायी एवं नियामकीय प्राधिकरणों, कंपनियों के रजिस्ट्रार, शेयरधारकों तथा अन्य संबंधित पक्षों की मंजूरी की भी जरूरत होगी।” बैंक ने कहा कि नाम बदलने का प्रस्ताव काफी आगे बढ़ चुका है। प्रतिस्पर्धा आयोग ने इसकी मंजूरी दे दी है जबकि राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण से मंजूरी मिलना बाकी है। बता दें कि प्राइवेट बैंक की शुरुआत 01 अक्टूबर 2015 को हुर्इ थी। इसके साथ ही बंधन बैंक की भी शुरुअात हुर्इ थी। आर्इडीएफसी बैंक की शुरुअात 23 शाखाआें से हुर्इ थी जिसमें 15 शाखाएं मध्य प्रदेश में खुले थे।
क्या होगा बैंक के ग्राहकों पर असर
बैंकिंग क्षेत्र के जानकारों का मानना है कि बैंकों के नाम बदलने का असर बैंक के ग्राहकों पर नहीं पड़ता है। लेकिन इसकी सूचना ग्राहकों को देता है। बैंक ये सूचना ग्राहकों को उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर, र्इ-मेल या फोन काॅल के जरिए देता है। हालांकि नए नाम वाले पासबुक या चेकबुक आदि बैंक अपनी तरफ से खुद ही जारी करता है।