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मृदा स्वास्थ्य कार्ड से किसानों के पास आसानी तक पहुंचेगी मदद, जानिए इससे क्या होगा फायदा

Highlights- मोदी सरकार (Modi Government) की इस योजना के तहत किसानों को उनके खेतों के लिए आवश्यक पोषक को और उर्वरकों की फसल के मुताबिक सलाह दी जाती है, ताकि पैदावार अच्छी हो- मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड योजना (Soil Health Card for farmers) को प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी (Narendra Modi) ने 19 फरवरी, 2015 को राजस्‍थान के सूरतगढ़ में शुरू किया था- यह योजना देश के किसानों को मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड प्रदान करने के लिए राज्‍य सरकारों को मदद देती है

नई दिल्लीJul 27, 2020 / 01:28 pm

Ruchi Sharma

मृदा स्वास्थ्य कार्ड से किसानों के पास आसानी तक पहुंचेगी मदद, जानिए इससे क्या होगा फायदा

नई दिल्ली. केंद्र सरकार (Central) ने हर तबके के लिए लिए कोई ना कोई योजना बनाई है। इसी में से एक योजना है मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना (Soil Health Card Scheme)। मोदी सरकार (Modi Government) की इस योजना के तहत किसानों को उनके खेतों के लिए आवश्यक पोषक को और उर्वरकों की फसल के मुताबिक सलाह दी जाती है, ताकि पैदावार अच्छी हो।
मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड योजना (Soil Health Card for farmers) को प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी (Narendra Modi) ने 19 फरवरी, 2015 को राजस्‍थान के सूरतगढ़ में शुरू किया था। यह योजना देश के किसानों को मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड प्रदान करने के लिए राज्‍य सरकारों को मदद देती है। इस कार्ड में मिट्टी की पोषण (Soil Health Card Scheme) स्थिति और उसके उपजाऊपन की जानकारी सहित उर्वरक तथा अन्‍य पोषक तत्‍वों के बारे में सूचनाएं मौजूद होती हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि इस योजना (Soil health card scheme benefits) का उद्देश्य आगामी तीन साल में 14 करोड़ से अधिक किसानों को इसका लाभ देना है। 2015 से 2017 तक चलने वाले पहले चरण में किसानों को 1,10.74 करोड़ और 2017-19 के दूसरे चरण में 11.69 करोड़ मृदा स्वास्‍थ्‍य कार्ड (Soil health card scheme benefits) प्रदान किए गए।
उल्‍लेखनीय है कि अब तक 429 नई स्‍थायी मृदा जांच प्रयोगशालाएं, 102 नई चलती मृदा जांच प्रयोगशालाएं और 8,752 लघु जांच प्रयोगशालाएं उपलब्‍ध कराई गई हैं। गांव स्‍तर पर भी मिट्टी की जांच करने के लिए कृषि उद्यमियों को प्रोत्‍साहित किया जा रहा है। अब तक इस संबंध में गांवों में 1562 जांच प्रयोगशालाओं को मंजूरी दी गई है और मौजूदा 800 प्रयोगशालाओं को उन्‍नत किया गया है। इस तरह पांच वर्ष की छोटी अवधि के दौरान मिट्टी की जांच करने की क्षमता बढ़ गई है। इस दौरान एक वर्ष में 3.33 करोड़ नमूनों की जांच की गई, जबकि पहले 1.78 करोड़ नमूनों की जांच ही हो पाती थी।
कार्ड के फायदे

भारत में ऐसे बहुत से अशिक्षित किसान है, जो यह नहीं जानते कि अधिकतम उपज प्राप्त करने के लिए किस तरह की फ़सलों को विकसित करना चाहिए मूल रूप से, वे मिट्टी के गुण और उसके प्रकार नहीं जानते है। वे अपने अनुभव से फसलों का बढ़ना और फसलों का असफल होना जान सकते है किन्तु वे यह नहीं जानते कि मिट्टी की हालत को कैसे सुधारा जा सकता है। इसके लिए भारत सरकार ने एक सोइल हेल्थ कार्ड स्कीम जारी की है।
आवेदन करने के लिए https://www.soilhealth.dac.gov.in/ वेबसाइट में जा कर आवेदन किया जा सकता है।

सोइल हेल्थ कार्ड स्कीम की विशेषता इस प्रकार है

– भारत सरकार का इस स्कीम के तहत कम से कम 14 करोड़ किसानों को इसमें शामिल करना है।
– देश के सभी भाग में यह स्कीम शामिल की जाएगी।
– सोइल कार्ड के रूप में, किसानों को एक रिपोर्ट दी जाएगी, एवं इस रिपोर्ट में उनकी जमीन की मिट्टी की पूरी जानकारी होगी।
– एक खेत के लिए हर 3 साल में एक सोइल कार्ड दिया जायेगा।

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