पीएम एफएमई योजना की जानकारी
माइक्रो फूड प्रोसेसिंग इंटरप्राइजेज के अपग्रेड के लिए वित्तीय, टैक्नोलॉजी और व्यावसायिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से, फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री मंत्रालय (एमओएफपीआई) ने अखिल भारतीय स्तर पर एक केन्द्र प्रायोजित पीएम फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोससिंग एंटरप्राइज (पीएम एफएमई) योजना की शुरुआत की, जिसे 10,000 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ 2020-21 से 2024-25 तक 5 वर्षों की अवधि में लागू किया जाएगा। इस योजना के तहत खर्च केंद्र और राज्य सरकारों के बीच 60:40 के अनुपात में, पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों के साथ 90:10 के अनुपात में, संघ शासित प्रदेशों के साथ 60:40 के अनुपात में और अन्य केन्द्र शासित प्रदेशों के लिए केन्द्र द्वारा 100% शेयर किया जाएगा।
अपनी माइक्रो फूड प्रोसेसिंग यूनिट को आगे बढ़ाने की चाहत रखने वाले परियोजना लागत का 35% क्रेडिट-लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी का लाभ उठा सकती हैं जिसकी अधिकतम सीमा 10 लाख रुपए प्रति यूनिट है। परियोजना शुरू करने के लिए आवंटित पूंजी 40,000 रुपए प्रति स्वयं सहायता समूह सदस्य कार्यशील पूंजी और छोटे उपकरणों की खरीद के लिए प्रदान की जाएगी। एफपीओ / एसएचजी / निर्माता सहकारी समितियों को मूल्य सीरीज के साथ पूंजी निवेश के लिए 35 प्रतिशत का क्रेडिट लिंक्ड अनुदान प्रदान किया जाएगा।