PM FME Scheme: पीएम एफएमई योजना में 9 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार, जानें क्या है स्कीम

-PM FME Scheme: देश की अर्थव्यवस्था ( Indian Economy ) को पटरी पर लाने के लिए केंद्र सरकार ने आत्म निर्भर भारत पैकेज ( Aatma Nirbhar Bharat Abhiyan ) की घोषणा की थी।-सोमवार को फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री मंत्री हरसिमरत कौर बादल ( Harsimrat Kaur Badal ) ने पीएम फॉरमलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज ( PM FME Scheme 2020 ) योजना लॉन्च की। -बता दें कि ये योजना भी आत्म निर्भर भारत पैकेज का ही हिस्सा है।

<p>PM FME scheme: पीएम एफएमई योजना में 9 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार, जानें क्या है स्कीम</p>

नई दिल्ली।
PM FME Scheme: देश की अर्थव्यवस्था ( Indian Economy ) को पटरी पर लाने के लिए केंद्र सरकार ने आत्म निर्भर भारत पैकेज ( Aatma Nirbhar Bharat Abhiyan ) की घोषणा की थी। सोमवार को फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री मंत्री हरसिमरत कौर बादल ( Harsimrat Kaur Badal ) ने पीएम फॉरमलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज ( PM FME Scheme 2020 ) योजना लॉन्च की। बता दें कि ये योजना भी आत्म निर्भर भारत पैकेज का ही हिस्सा है। इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत करीब 9 लाख लोगों को रोजगार मिल सकेगा। योजना में कुल 35,000 करोड़ रुपए का निवेश होगा। इस योजना को लेकर गाइडलाइंस भी जारी की गई है। फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री मंत्री ने कहा कि 74 फीसदी रोजगार अनऑर्गनाइज्ड फूड प्रोसेसिंग सेक्टर के करीब 25 लाख यूनिट्स उपलब्ध कराते हैं। इन यूनिट्स में 66 फीसदी ग्रामीण इलाकों में स्थिति है। वहीं, 80% परिवार-आधारित उद्यम हैं जो ग्रामीण परिवारों की आजीविका में सहायता करते हैं।

पीएम एफएमई योजना की जानकारी
माइक्रो फूड प्रोसेसिंग इंटरप्राइजेज के अपग्रेड के लिए वित्तीय, टैक्नोलॉजी और व्यावसायिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से, फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री मंत्रालय (एमओएफपीआई) ने अखिल भारतीय स्‍तर पर एक केन्‍द्र प्रायोजित पीएम फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोससिंग एंटरप्राइज (पीएम एफएमई) योजना की शुरुआत की, जिसे 10,000 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ 2020-21 से 2024-25 तक 5 वर्षों की अवधि में लागू किया जाएगा। इस योजना के तहत खर्च केंद्र और राज्य सरकारों के बीच 60:40 के अनुपात में, पूर्वोत्‍तर और हिमालयी राज्यों के साथ 90:10 के अनुपात में, संघ शासित प्रदेशों के साथ 60:40 के अनुपात में और अन्य केन्‍द्र शासित प्रदेशों के लिए केन्‍द्र द्वारा 100% शेयर किया जाएगा।

अपनी माइक्रो फूड प्रोसेसिंग यूनिट को आगे बढ़ाने की चाहत रखने वाले परियोजना लागत का 35% क्रेडिट-लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी का लाभ उठा सकती हैं जिसकी अधिकतम सीमा 10 लाख रुपए प्रति यूनिट है। परियोजना शुरू करने के लिए आवंटित पूंजी 40,000 रुपए प्रति स्‍वयं सहायता समूह सदस्य कार्यशील पूंजी और छोटे उपकरणों की खरीद के लिए प्रदान की जाएगी। एफपीओ / एसएचजी / निर्माता सहकारी समितियों को मूल्य सीरीज के साथ पूंजी निवेश के लिए 35 प्रतिशत का क्रेडिट लिंक्ड अनुदान प्रदान किया जाएगा।

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