देश का पहला एेसा काॅल सेंटर, जो आपकी जिंदगी को बना देगा आसान

नारायण सेवा संस्थान द्वारा आयोजित समारोह में अभिनेत्री शर्मिला टैगोर और टीवी स्टार दिलीप जोशी ने जीवन रक्षक दानदाताओं का अभिनंदन किया।

<p>देश का पहला एेसा काॅल सेंटर, जो आपकी जिंदगी को बना देगा आसान</p>

नई दिल्ली। देश में आज भी एेसा कोर्इ प्लेटफाॅर्म नहीं है, जो आपको सिर्फ एक काॅल में स्वास्थ्य सेवाआें की कोर्इ जानकारी दे सके। जबकि देश में सरकार आैर प्राइवेट हाॅस्पिटल की कोर्इ कमी नहीं है। लेकिन अब आने वाले दिनों में एेसा ही काॅल सेंटर खुलने जा रहा है। इस काॅल सेंटर की नींव गैर सरकारी संगठन नारायण सेवा संस्थान करने जा रहा है। इसकी घोषणा संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार समारोह-2018 के दौरान की। आइए आपको भी बताते है कि इस काॅल की शुरूआत कब होने जा रही है आैर इसकी क्या खासियत होगी।

अगले छह महीने में होने जा रही है शुरूआत
रविवार देर शाम दिल्ली के शाॅह आॅडिटोरियम में पत्रकारों से बातचीत में संगठन के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि संगठन सोशल सर्विसेज के लिए उदयपुर में एक काॅल सेंटर की शुरूआत करने जा रहा है। जिसमें मेडिकल सुविधाआें की तमाम जानकारी हासिल की जा सकेगी। देश में इस तरह का काॅल सेंटर देश का इकलौता आैर पहला काॅल सेंटर होगा। इस काॅल सेंटर में लोग अपनी परेशानियों का हल निकाल सकेंगे। ये पूरी तरह से निशुल्क होगा। इस काॅल सेंटर की शुरूआत अगले छह महीने में हो जाएगी।

क्या होगी खासियत?
प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि इस काॅल सेंटर में लोग मेडिकल से जुड़ी तमाम जानकारी हासिल कर सकेंगे। जैसे किसी को ब्लड की जरुरत है या किसी को अंग की जरुरत है तो इस बात की जानकारी भी काॅल सेंटर से मिल सकेगी। प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि इसके लिए पूूरी प्लानिंग कर ली गर्इ है। अगले कुछ दिनों में काॅल सेंटर के लिए रिक्रूटमेंट कर लिए जाएंगे। प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि यह काॅल सेंटर अपनी तरह का पहला काॅल सेंटर होगा।

कार्यक्रम का हुआ आयोजन
इससे पहले नारायण सेवा संस्थान ने दिव्यांग लोगों की सेवा करने के लिए संस्थान का समर्थन करने वाले दानदाताओं के योगदान को सम्मानित करने के लिए नई दिल्ली में ‘अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार समारोह-2018 ‘ का आयोजन किया गया। इस मौके पर प्रसिद्ध बॉलीवुड अभिनेत्री शर्मिला टैगोर और टेलीविजन स्टार दिलीप जोशी के साथ संस्थापक अध्यक्ष कैलाश मानव और नारायण सेवा संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल मौजूद रहे। इस दौरान दुनियाभर के 100 से अधिक दानदाताओं को प्लैटिनम, डायमंड, गोल्ड, रजत और कांस्य जैसी विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार प्रदान किए गए। इन दानदाताआें ने प्रतीक्षा सूची में शामिल 15,000 मरीजों के जीवन को बदलने में सहायता की है।

NSS

3.5 लाख लोगों का निशुल्क आॅपरेशन
नारायण सेवा संस्थान के अध्यक्ष श्री प्रशांत अग्रवाल कहते हैं, ‘‘नारायण सेवा संस्थान दिव्यांग लोगों के लिए एक ऐसा स्मार्ट गांव है, जहां ‘जीवन के किसी भी स्तर पर, किसी भी तरह से वंचित अनुभव करने वाले लोगों के लिए‘ सभी सुविधाएं जुटाई गई हैं। नारायण सेवा संस्थान ने पिछले 30 वर्षों में 3.5 लाख से ज्यादा मरीजों का आॅपरेशन किया है और और उन्हें चिकित्सा सेवाओं, दवाइयों और प्रौद्योगिकी का निशुल्क लाभ देकर पूर्ण सामाजिक-आर्थिक सहायता प्रदान की है। किसी भी प्रकार के शारीरिक, सामाजिक और आर्थिक पुनर्वास के लिए नारायण सेवा संस्थान आने वाले मरीजों को यहां किसी भी नकद काउंटर या भुगतान गेटवे से गुजरना नहीं होता।

विदेशी मरीजों का भी होता है आॅपरेशन
उन्होंने बताया कि संस्थान के दोनों अस्पतालों में कार्यरत 125 डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की एक टीम प्रतिदिन लगभग 95 रोगियों का आॅपरेशन करती है। नारायण सेवा संस्थान दिव्यांग लोगों के लिए 1100 बिस्तर वाला अस्पताल संचालित करता है, जहां न सिर्फ विशेष रूप से सक्षम लोगों का इलाज किया जाता है, बल्कि उनके लिए सामाजिक और आर्थिक पुनर्वास की व्यवस्था भी की जाती है। नारायण सेवा संस्थान भारत, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, यूक्रेन, ब्रिटेन और यूएसए में रहने वाले और पोलियो और सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित लोगों के लिए उम्मीद की एक किरण बनकर उभरा है। राजस्थान में उदयपुर के स्मार्ट विलेज यानी बडी गांव में प्रतिदिन हजारों मरीजों का इलाज किया जाता है। नारायण सेवा संस्थान में शारीरिक और सामाजिक-आर्थिक पुनर्वास के लिए आने वाले मरीजों को यहां किसी कैश काउंटर या पेमेंट गेटवे से नहीं गुजरना पडता है।

इन बीमारियों का होता है इलाज
फिजियोथेरेपी, कैलीपर्स, मॉड्यूलर इक्विपमेंट्स, ट्राइसाइकल, व्हीलचेयर, लिम्स और कई अन्य आधुनिक प्रकार के उपकरण यहां निशुल्क प्रदान किए जाते हैं। इसके अलावा, नारायण सेवा संस्थान अन्य सर्वश्रेष्ठ अस्पतालों में रक्त कैंसर, किडनी प्रत्यारोपण और हृदय संबंधी बीमारियों के लिए रोगियों के उपचार का इंतजाम करता है और इस इलाज का पूरा खर्च स्वयं वहन करता है। संस्थान ने प्रति वर्ष रोगियों को 25000 कैलिपर और लगभग 11000 मॉड्यूलर कृत्रिम अंग प्रदान किए हैं। अब तक संगठन ने लगभग 7.95 लाख व्हीलचेयर और लगभग 2.59 लाख ट्राइसाइकल भी दान किए हैं।

इलाज के साथ बनाता है आत्मनिर्भर
नारायण सेवा संस्थान के संस्थापक कैलाश मानव का मानना है कि रोगियों को शारीरिक रूप से फिट करना ही पर्याप्त नहीं है। उन्हें आत्मविश्वास से भरपूर और अधिक आत्मनिर्भर बनाने के लिए जीवन के प्रति उनके नजरिए को बदलना होगा। इसके लिए, संगठन कंप्यूटर पाठ्यक्रम, मोबाइल मरम्मत पाठ्यक्रम, सिलाई पाठ्यक्रम और कई ऐसे व्यावसायिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम चलाता है ताकि उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा सके। जब मरीज अपने घर वापस जाने के लिए उपयुक्त होते हैं, तब उन्हें नौकरी के लिए प्लेसमेंट में भी मदद की जाती है। जो कोई अपना खुद का व्यवसाय शुरू करना चाहता है वह सिलाई मशीन, उपकरण किट या नारायण सेवा संस्थान से किसी भी तरह की सहायता प्राप्त कर सकता है।

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