हार्ड इनक्वायरी से गिरती है रेटिंग
जब आप किसी लेंडर या बैंक के पास क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते हैं तो वो क्रेडिट ब्यूरो के पास आपकी रेटिंग जानने के लिए हार्ड इनक्वायरी डालते हैं। ऐसा करने पर क्रेडिट ब्यूरो की तरफ से आपके क्रेडिट स्कोर की रेटिंग कुछ कम कर दी जाती है। आप जितनी बार आवेदन डालेंगे उससे क्रेडिट स्कोर के प्वाइंट्स अपने आप कम होते जाएंगे। इसकी सीमा ज्यादा कम होने पर लोन पास होने में मुश्किल हो सकती है। क्योंकि इससे कर्जदाता भरोसेमंद नहीं माना जाता है।
जब आप किसी लेंडर या बैंक के पास क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते हैं तो वो क्रेडिट ब्यूरो के पास आपकी रेटिंग जानने के लिए हार्ड इनक्वायरी डालते हैं। ऐसा करने पर क्रेडिट ब्यूरो की तरफ से आपके क्रेडिट स्कोर की रेटिंग कुछ कम कर दी जाती है। आप जितनी बार आवेदन डालेंगे उससे क्रेडिट स्कोर के प्वाइंट्स अपने आप कम होते जाएंगे। इसकी सीमा ज्यादा कम होने पर लोन पास होने में मुश्किल हो सकती है। क्योंकि इससे कर्जदाता भरोसेमंद नहीं माना जाता है।
क्या होती है हार्ड इनक्वायरी
क्रेडिट ब्यूरो के पास आवेदक की रेटिंग चेक करने के लिए जो इनक्वायरी भेजी जाती है। इसमें आपके बारे में पूछताछ की जाती है। चूंकि ये ऐप्लीकेशन आधारित होता है इसलिए इसे हार्ड इनक्वायरी कहते हैं। इसका असर क्रेडिट स्कोर पर पड़ता है। रेटिंग कम होना एक नेगेटिव प्रभाव छोड़ता है जो करीब 2 साल तक रहता है। इस दौरान लोन के लिए अप्लाई करने पर आपको समस्या आ सकती है।
क्रेडिट ब्यूरो के पास आवेदक की रेटिंग चेक करने के लिए जो इनक्वायरी भेजी जाती है। इसमें आपके बारे में पूछताछ की जाती है। चूंकि ये ऐप्लीकेशन आधारित होता है इसलिए इसे हार्ड इनक्वायरी कहते हैं। इसका असर क्रेडिट स्कोर पर पड़ता है। रेटिंग कम होना एक नेगेटिव प्रभाव छोड़ता है जो करीब 2 साल तक रहता है। इस दौरान लोन के लिए अप्लाई करने पर आपको समस्या आ सकती है।
सॉफ्ट इनक्वायरी से चलाए काम
अगर आपको अलग-अलग बैंकों या फाइनेंस कंपनियों की ओर से दिए जाने वाले आफर्स के बारे में जानना हो तो आप सॉफ्ट इनक्वायरी कर सकते हैं। इसके लिए आप बैंकों या कंपनियों के कस्टमर केयर से बात कर सकते हैं। साथ ही आप उनकी वेबसाइट पर चेक कर सकते हैं। चूंकि ये लिखित में नहीं होता है इसलिए क्रेडिट स्कोर पर इसका असर नहीं पड़ता है। इससे आप लोन की डील भी आसानी से चेक कर सकते हैं। साथ ही आपको अलग—अलग जगह फॉर्मेलिटीज पूरी करके फॉर्म नहीं भरना पड़ेगा।
अगर आपको अलग-अलग बैंकों या फाइनेंस कंपनियों की ओर से दिए जाने वाले आफर्स के बारे में जानना हो तो आप सॉफ्ट इनक्वायरी कर सकते हैं। इसके लिए आप बैंकों या कंपनियों के कस्टमर केयर से बात कर सकते हैं। साथ ही आप उनकी वेबसाइट पर चेक कर सकते हैं। चूंकि ये लिखित में नहीं होता है इसलिए क्रेडिट स्कोर पर इसका असर नहीं पड़ता है। इससे आप लोन की डील भी आसानी से चेक कर सकते हैं। साथ ही आपको अलग—अलग जगह फॉर्मेलिटीज पूरी करके फॉर्म नहीं भरना पड़ेगा।