बंद पड़े EPF अकाउंट से कैसे निकालें पैसे, जानें पूरा प्रोसेस

EPF account में कांट्रीब्यूशन आना बंद होने के 36 महीने यानि 3 साल तक लोग इस अकाउंट के पैसे को विदड्रा नहीं करते हैं। तब इस अकाउंट को इनऑपरेटिव अकाउंट माना लिया जाता है।

<p>epfo</p>

नई दिल्ली: 2015 में बजट भाषण पेश करते वक्त जब वित्त मंत्री अरूण जेटली ने बताया था कि EPF अकाउंट में लगभग 6000 करोड़ रुपया बिना क्लेम का पड़ा है। उस वक्त ये बात थोड़ी अजीब लगी थी लेकिन कई बार ऐसा होता है कि लोग नौकरी बदलते रहते हैं और EPF अकाउंट का पैसा निकालना भूल जाते हैं । ऐसे में सवाल उठता है कि इस पैसे का आखिर होता क्या है ? चलिए आज हम आपको बताते हैं कि ऐसे हालात में सरकार क्या करती है।

इनऑपरेटिव अकाउंट- EPF account में कांट्रीब्यूशन आना बंद होने के 36 महीने यानि 3 साल तक लोग इस अकाउंट के पैसे को विदड्रा नहीं करते हैं। तब इस अकाउंट को इनऑपरेटिव अकाउंट माना लिया जाता है। लगातार 7 साल तक इनऑपरेटिव रहने पर इस पैसे को 2016 में बने सीनियर सिटीजन वेलफेयर फंड ( SCWF ) में ट्रांसफर कर दिया जाता है।

इनऑपरेटिव अकाउंट डिक्लेयर करने से पहले इंप्लायर को इस अकाउंट होल्डर के बारे में सारी जानकारी देनी होती है । इनऑपरेटिव अकाउंट में किसी भी तरह का ब्याज नहीं दिया जाता है।

लड़खड़ाते बाजार में FD है शानदार इंवेस्टमेंट ऑप्शन, फिक्सड इंटरेस्ट के साथ मिलता है लोन लेने का ऑप्शन

यहां पर ध्यान देने वाली बात ये है कि नौकरी बदलने पर अगर आप 36 महीने तक क्लेम नहीं करते तो आपका अकाउंट एक्टिव माना जाएगा।

सीनियर सिटीजन वेलफेयर फंड ( SCWF ) से कैसे क्लेम करेंगे अमाउंट-
कई बार epf होल्डर की आकस्मिक मृत्यु या विदेश में सेटल हो जाने की स्थिति में भी ये अकाउंट इनऑपरेटिव हो जाता है । ऐसे हालात में नॉमिनी इसी अमाउंट को क्लेम कर सकते हैं। इसके लिए आपको कुछ कागजातों की जरूरत होती है। जिन्हें जमाकर आप अपने पैसे को क्लेम कर सकते हैं।
बंद हो रही है LIC की ये पेंशन स्कीम, 31 मार्च के बाद नहीं मिलेगा निवेश का मौका

इन कागजातों की होगी जरूरत-
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.