बच्चों की बढ़ती स्कूल फीस से हैं परेशान तो न करें चिंता, ये है समाधान

साल 2005 में यह बच्चाें की स्कूल फीस 55 हजार रुपए सालाना से बढ़कर 2015 में 1.25 लाख रुपए तक पहुंच गई है।

नर्इ दिल्ली। बच्चों की बढ़ती स्कूल फीस अभिभावकों के लिए एक बड़ी चिंता बनती जा रही है। सभी प्राइवेट स्कूल के फीस इतने अधिक हैं कि पेरेंट्स की सैलरी का एक अच्छा खासा हिस्सा बच्चों की फीस में चला जाता है। सभी प्राइवेट स्कूल मनमाने ढंग से फीस में बढ़ोतरी करते जा रहे हैं। यदि आप भी अपने बच्चे के फीस भुगतान से परेशान हैं तो चिंता मत कीजिए, हम आपको एेसा ही एक तरीका बताते हैं जिससे आपको एक बड़ी राहत मिल सकती है। आइए जानते हैं कि आपको कैसे इससे राहत मिल सकती है…


दरअसल डिजिटली लोन दिलाने वाली एक स्टार्टअप ने डिजिटल स्कूल फीस फाइनेंस समाधान उपलब्ध कराने की तैयारी में है। इस फिनटेक स्टार्टअप अर्लीसैलरी ने एजूकेशन फाइनेंस के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए अवांसे फाइनेंशियल सर्विसेज के साथ टाइअप किया है। इसका नाम फीस (FeES) रखा गया है जो कि आपको अर्लीसैलरी एेप के जरिए उपलब्ध होगा।

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इतना मिलेगा लोन

फाइनेंशियल समाधान दिलाने के लिए इन दोनों कंपनियां किसी भी अभिभावक को 50 हजार रुपए से तीन लाख रुपए तक का लोन तत्काल रुपए से मुहैया कराएंगी। इस लोन को आप 3 से 6 महीनें में चुका सकते हैं। यानि बच्चों के फीस के लिए ये कंपनियां आपको तत्काल समाधान मुहैया कराएंगी।


एेसे मिलेगा लोन

इसके लिए आपको अपने एंड्राॅयड फोन के लिए गूगल प्ले स्टोर से आैर आर्इफोन के लिए आर्इआेएस एेप स्टोर से ‘अर्लीसैलरी एेप’ को डाउनलोड करना होगा। इस एेप का डाउनलोड करने के बाद आपको कुछ बुनियादी जानकारी आैर बैंक विवरण का सत्यापन करना होगा। जिसके बाद स्कूल फीस से संबंधित अनुरोध की गर्इ राशि को सीधे स्कूल के बैंक अकाउंट में जमा करा दिया जाता है। इस सुविधा की सबसे खास बात ये है कि अभिभावकों को किसी भी तरह का डाउनपेमेंट नहीं करना होता है। हालांकि इस सुविध का लाभ लेने के लिए उन्हें 999 रुपए का प्रसंस्करण शुल्क जरूर देना होता है। इस लोन को ये कंपनी काफी किफायती ब्याज दर पर उपलब्ध कराती है।

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स्कूली फीस में लगातार हो रही बढ़ोतरी

हाल ही में उद्योग संगठन एसोचैम ने अपने एक रिपोर्ट में कहा था कि, बच्चे की सलाना स्कूल फीस में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। साल 2005 में यह 55 हजार रुपए सालाना से बढ़कर 2015 में 1.25 लाख रुपए तक पहुंच गई है। मेट्रो शहरों में स्‍कूली शिक्षा की लागत में तेजी से वृद्धि ने माता-पिता के लिए फीस के एकमुश्‍त भुगतान को कठिन बना दिया है। इस समस्‍या के समाधान के लिए ही अर्लीसैलरी और अवांसे ने इस समाधान की शुरुआत की है।

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