रोटोमैक समूह की 177 करोड़ की संपत्तियां जब्त, विक्रम कोठारी पर शिकंजा कसा

इस राशि में से डेढ़ से दो प्रतिशत का कमीशन सीधे रोटोमैक समूह की कंपनियों के खातों या विक्रम कोठारी के नियंत्रण वाली विदेशों में स्थित कंपनियों के खातों में डाला।

<p>रोटोमैक समूह की 177 करोड़ की संपत्तियां जब्त, विक्रम कोठारी पर शिकंजा कसा</p>
कानपुर . आखिरकार प्रवर्तन निदेशालय ने रोटोमैक कंपनी पर चाबुक चला दिया। बैंक से 3695 करोड़ रुपए कर्ज लेकर घोटाले करने के आरोपी विक्रम कोठारी के रोटोमैक कंपनी की कानपुर, देहरादून, अहमदाबाद, गांधीनगर तथा मुंबई की संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश जारी कर दिया गया है। ईडी ने फिलहाल अस्थाई आदेश जारी किया है। प्रवर्तन निदेशालय को अंदेशा है कि रोटोमैक समूह की ज्यादातर संपत्तियां मनी लांड्रिंग के जरिये जुटाई गई हैं।
 

ग्राहकों के साथ फर्जी कारोबार और कमीशन भी खाया

ईडी की जांच में सामने आया है कि रोटोमैक ने सीमित संख्या के व्यापारियों के साथ कारोबार किया, लेकिन लेन-देन को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया। साथ ही बैंकों से लिए कर्ज का भुगतान नहीं किया। समूह ने बैंक कर्ज की रकम को इधर से उधर कर दिया। ईडी के मुताबिक, रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड ने ग्राहकों के साथ व्यापार के दौरान लाभार्थियों से रियायती ऋणपत्र (एलसी) प्राप्त किए। इसके बाद लाभार्थियों ने इस राशि में से डेढ़ से दो प्रतिशत का कमीशन सीधे रोटोमैक समूह की कंपनियों के खातों या विक्रम कोठारी के नियंत्रण वाली विदेशों में स्थित कंपनियों के खातों में डाला। इस हेराफेरी को यूं समझिए कि रोटोमैक जिन ग्राहकों या कंपनियों के साथ कारोबार करती थी उनको भुगतान बैंक से लिए गए लेटर ऑफ क्रेडिट (एलओसी) से किया जाता था। फिर ये कंपनियां डेढ़ से दो प्रतिशत कमीशन रोटोमैक समूह की कंपनियों के खातों या विक्रम कोठारी के नियंत्रण वाली विदेशों में स्थित कंपनियों में डालती थीं। इस रियायती एलसी राशि का इस्तेमाल कंपनी द्वारा अन्य व्यापारिक गतिविधियों मसल मियादी जमा प्राप्ति, लौह अयस्क की खरीद और रीयल एस्टेट में निवेश के लिए किया गया। गौरतलब है कि ऐसे ही आरोपों के चलते ईडी ने सीबीआई की एफआईआर के आधार पर फरवरी में पीएमएलए एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था।

3,695 करोड़ की ऋण धोखाधड़ी में विक्रम कोठारी पर गाज

ईडी-सीबीआई ने बैंक ऑफ बड़ौदा की शिकायत पर कंपनी के निदेशक एवं मालिक विक्रम कोठारी, उनकी पत्नी साधना कोठारी, पुत्र राहुल कोठारी और अज्ञात बैंक अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। बैंक का आरोप है कि इन लोगों ने बैंकों के गठजोड़ के साथ 3,695 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है। इस मामले में शामिल मूल राशि 2,919 करोड़ रुपये की है। सीबीआई की एफआईआर के मुताबिक, कोठारी ने बैंक ऑफ इंडिया (754.77 करोड़ रुपये), बैंक ऑफ बड़ौदा (456.63 करोड़ रुपये), इंडियन ओवरसीज बैंक (771.07 करोड़ रुपये), यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (458.9 5 करोड़ रुपये), इलाहाबाद बैंक (330.68 करोड़ रुपये), बैंक ऑफ महाराष्ट्र (49.82 करोड़ रुपये), और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (97.47 करोड़ रुपये) सहित विभिन्न बैंकों से कुल 2,919 करोड़ रुपये प्राप्त किए थे।
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