नोटबंदी के बाद मालामाल हुए जनधन खाते, जमा राशि 80 हजार करोड़ के पार

देश के लोगों को बैंकिंग सेवाओं से जोड़ने के लिए जीरो बैलेंस पर खोले गए जन-धन योजना के बैंक खातों ने एक नया रिकॉर्ड बना दिया है।

नई दिल्ली। देश के लोगों को बैंकिंग सेवाओं से जोड़ने के लिए जीरो बैलेंस पर खोले गए जन-धन योजना के बैंक खातों ने एक नया रिकॉर्ड बना दिया है। वित्त मंत्रालय की ओर से हाल ही में जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार देशभर में जनधन खातों में 80 हजार करोड़ से अधिक रुपए जमा हो गए हैं। वित्त मंत्रालय के अनुसार 11 अप्रैल 2018 तक जन धन खातों में कुल 80,545.70 करोड़ रुपए जमा हो चुके हैं। वित्त मंत्रालय के अनुसार पूरे देश में इस समय 31 करोड़ जन-धन खाते हैं, जिनमें 24.64 करोड़ खाते ही चालू है। इन खातों में खाताधारक ने 24 महीनों में लेनदेन किया। आपको बता दें कि जनधन खातों का इस्तेमाल डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के लिए किया जाता है। साथ ही इन खातों के खाताधारकों को एक्सिडेंट और लाइफ इंश्योरेंस भी मिलता है.
नोटबंदी के बाद बढ़ी खातों की संख्या

वित्त मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार 11 अप्रैल 2018 तक पूरे देश में जनधन खातों की संख्या 31.45 करोड़ हो गई थी। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 2017 की शुरुआत में जनधन खातों की संख्या 26.7 करोड़ थी। जबकि इससे पहले 9 नवंबर 2016 तक कुल 25.51 करोड़ जनधन खाते खोले गए थे। आपको बता दें कि प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा की थी। इसके बाद लोगों को 1000 और 500 रुपए के नोट अपने बैंक खातों में जमा करने पड़े थे।
नोटबंदी के दौरान चर्चा में आए थे जनधन खाते

नवंबर 2016 में नोटबंदी के बाद जनधन खाते रुपए जमा करने को लेकर चर्चा में रहे थे। सरकारी आंकड़ों के अनुसार नोटबंदी के दौरान इन खातों में जमा राशि में अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी हुई थी। नोटबंदी के दौरान जनधन खातों में जमा रकम 45,300 करोड़ रुपए से बढ़कर 74,000 करोड़ रुपए हो गई थी। हालांकि जमा राशि का विवरण न देने पर सरकार ने 20 दिसंबर 2017 तक 49.50 लाख जन-धन खाते बंद किए हैं। इनमें से 50 फीसदी खाते उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश , गुजरात, तमिलनाडु और राजस्थान के थे।
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