HDFC से लेकर SBI तक Moratorium पर क्या रखी RBI के सामने Demand?

HDFC Chairman दीपक पारेख ने RBI से कहा, ना बढ़ाया जाए Loan Moratorium
SBI ने दिया RBI को सुझाव, Reserve Bank Loan Restructuring की दे परमिशन वर्ना बढ़ेंगे Bad Loan

<p>Demand in front of RBI on Moratorium from HDFC to SBI?</p>

नई दिल्ली। जब से लोन मोराटोरियम एक्सटेंड ( Loan Moratorium Extend ) की बात निकलकर सामने आई है, तब से देश के बड़े बैंकों के माथे पर चिंता की रेखाएं गहरी होती जा रही हैं। देश के दो सबसे बड़े बैंक यानी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ( State Bank of India ) और प्राइवेट सेक्टर का एचडीएफसी बैंक ( HDFC Bank ) ने भारतीय रिजर्व बैंक ( reserve bank of india ) से लोन मोराटोरियम एक्सटेंड ना करने की गुहार लगाई है। दोनों बैंकों की ओर से कहा गया हैं कि इससे बैंकों को नुकसान होगा। वहीं उन्होंने लोन रीस्ट्रक्चरिंग ( Loan Restructuring ) करने की डिमांड पर विचार करने को कहा है। उनका कहना है कि अगर इसके बारे में जल्द ना सोचा गया तो आने वाले दिनों में बैड लोन ( Bad Loan ) में इजाफा हो सकता है। आइए आपको भी बताते हैं कि देश के दो बड़े बैंकों और आरबीआई की ओर से क्या कहा गया है।

मोराटोरियम बढऩे से होगा नुकसान
देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक एचडीएफसी ने आरबीआई से अपील करते हुए कहा है कि लोन लोन मोराटोरियम ना बढाया जाए। उन्होंने कहा कि ऐसा देखने में आया है कि जो लोग लोन चुकाने में समर्थ हैं, वो भी लोन मोराटोरियम का फायदा लेकर पेमेंट को टाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि तीन महीने और लोन मोराटोरियम बढ़ाने की बात चल रही है, जिससे बैंक को नुकसान होगा, खासकर छोटे नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनीज को। जिसपर आरबीआई गवर्नर की ओर से कहा गया कि उनके सुझावों को नोट कर लिया गया है, लेकिन इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है।

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एसबीआई ने भी कहा, लोन मोराटोरियम की जरुरत नहीं
वहीं दूसरी ओर कुछ दिन पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ओर से भी अगस्त कके बाद से लोन मोराटोरियम की जरुरत पर सवालिया निशान खड़ा करते हुए जरुरत ना होने की बात कही थी। एसबीआई चेयरमैन ने कहा था कि अगस्‍त के बाद से कर्ज भुगतान में राहत की जरूरत नहीं है। उनके अनुसार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पास फाइनेंशियल सिस्टम का डाटा है।

मोराटोरियम के तहत है 30 फीसदी कर्ज
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मार्च में तीन महीने के लोन मोराटोरियत का ऐलान किया था। जिसके तहत फायदा लेने वालों की क्रेडिट रेटिंग में किसी तरह का बदलाव नहीं किया जाना था। महामारी बढऩे के बाद इसे और तीन महीनों के बढ़ा दिया, जिसकी समय 31 अगस्त तक कर दी गई है। रिजर्व बैैंक के डाटा के अनुसार अप्रैल खत्‍म होने तक, बैंकिंग सेक्‍टर के टोटल लोन का आधा मोराटोरियम के तहत था। हालांकि जून तक यह घटकर 30 फीसदी पर आ गया था। अगर रिजर्व बैंक देश के बड़े बैंकों की बात मान जाते हैं तो 31 अगस्त के बाद देश के लोगों को लोन मोराटोरियम से राहत नहीं मिलेगी।

अभी नहीं मिल रही है लोगों को पूरी सैलरी
कोरोना वायरस की वजह से कंपनियों की ओर से लोगों की सैलरी में 40 से 60 फीसदी सैलरी में कटौती कर दी है। वहीं दूसरी ओर करोड़ों लोगों की नौैकरी जा चुकी है। ऐसे में लाखों करोड़ों लोग ऐसे हैं, जो अगस्त के बाद भी लोन ईएमआई चुकाने की स्थिति में नहीं होंगे। कई कंपनियों की ओर से सैलरी कट पर कहा है कि वो अगले वित्त वर्ष तक सैलरी स्ट्रक्चर पूर्ववत करने की स्थिति में नहीं है। ऐसे में आरबीआई और सरकार को लोन मोराटोरियम पर देश के लोगों के हितों में सोचना होगा।

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