Budget 2021: बैंकों को 20 हजार करोड़ रुपए का बूस्टर डोज, जानिए अकाउंट होल्डर की सेहत पर क्या पड़ेगा असर

बैंकों की आर्थिक सेहत को मजबूत करने के लिए बजट में 20 हजार करोड़ रुपए देने का ऐलान
सरकार ने अगले वित्त वर्ष के लिए विनिवेश का लक्ष्य 1.75 लाख करोड़ रखा, लेंडर्स को होगाप लाभ

<p>Booster dose of 20000 cr to bank, know what will affect account holder</p>

नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी के कारण बैंकों की सेहत पर काफी बुरा असर देखने को मिला है। खासकर सरकारी बैंकों को काफी नुकसान हुआ है। जिनको बूस्ट करने के लिए सरकार की ओर से बजट में बड़ी घोषणा की गई है। बजट में बैंकों को रिकैपिटलाइजेशन के लिए 20 हजार करोड़ रुपए देने की घोषण की गई है। वहीं बैड बैंक भी ऐलान किया है। सरकार के इस फैसले से बैंक अकाउंट होल्डर्स को भी फायदा होगा। आइए आपको भी बताते हैं…

बैंड बैंक के लिए 20 हजार करोड़ रुपए
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2021 में बैड बैंक का ऐलान किया है। जिसे डेवलपमेंट फाइनेंस इंस्टिट्यूशन का नाम दिया जाएगा। इसके लिए बजट में 20 हजार करोड़ रुपए का ऐलान किया गया है। इकोनॉमिक सर्वे रिपोर्ट 2020-21 में मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यम ने भी बैड बैंक को लेकर अपना पक्ष रखा था। उससे पहले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी बैड बैंक की वकालत की थी।

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लेंडर्स को होगा लाभ
बैड बैंक को लेकर सरकार काफी समय से मंथन कर रही थी। बैड बैंक ऐसा फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन होगा जोकि लेंडर्स के डूबे कर्ज को लेगा और समाधान की प्रक्रिया आगे बढ़ाएगा। बैड बैंक की मांग काफी समय से की जा रही थी। जो मुश्किल समय में डूबे हुए कर्ज के दबाव को सोख सके।

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सरकार के फैसले से होगा फायदा
– बैंकों के पास रुपया आने पर उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
– बैंक अपग्रेड होंगे और टेक्नोलॉजी अडवांसमेंट होगा।
– सिक्यॉरिटी फीचर मजबूत होंगे और बैंकों के बीच कांप्टीशन बढ़ेगा।
– इन तमाम उपायों को करने से आम लोगों को लाभ मिलेगा।

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और क्या हुई घोषणाएं
– सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 में 2 सरकारी बैंकों में हिस्सेदारी बेचने की भी बात कही।
– अभी देश में पब्लिक सेक्टर के 12 बैंक हैं, और धीरे छोटे बैंकों का बड़े बैंकों में मर्जर जारी है।
– इस फैसले से बैंकों के असेट में इजाफा होगा और नुकसान को ज्यादा मजबूती से झेलेंगे।
– 1 जनरल इंश्योरेंस कंपनी बेची जाएगी।
– फंड के लिए सरकारी कंपनियों की अतिरिक्त जमीन बेची जाएगी।
– साथ ही घाटे वाले पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स के लिए नए नियम जारी होंगे।
– सरकार ने अगले वित्त वर्ष के लिए विनिवेश का लक्ष्य 1.75 लाख करोड़ रखा है।

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