पांच सालों में लगातार बढ़े हैं धोखाधड़ी के मामले
रिजर्व बैंक के मुताबिक अप्रैल 2017 से एक मार्च 2018 के दौरान सबसे अधिक 28,459 करोड़ रुपए का बैंक धेखाधड़ी के मामले सामने आए है। आरटीआइ में मिली जानकारी से पता चला है कि 2013 से लेकर मार्च 2018 तक के बीच बैंकों को एक लाख रुपए से भी अधिक का चूना लगा है। इस दौरान बैंक धोखधड़ी के कुल 23,866 मामले सामने आएं हैं। इन मामलों में बैंकाें का कुल 1,00,718 करोड़ रुपए फंसा हुआ है। आरबीआइ ने बताया कि 2015-16 के दौरान बैंकों में 18,698 करोड़ रुपए के 4,693 मामले सामने आए हैं। वहीं इसके पहले वित्त वर्ष 2014-15 में 19,445 करोड़ रुपए के 4639 मामले सामने आए हैं। वित्त वर्ष में 2013-14 में बैंकों में कुल 4,306 मामले सामने आए है जिनमें कुल 10,170 करोड़ रुपए के मामले फंसे हैं।
जांच एजेसियों पर जांच का बोझ
मौजूदा समय में केन्द्रीय जांच एजेंसी सीबीअाइ आैर प्रवर्तन निदेशालय देश के कर्इ बड़ें बैंकों में धोखाधड़ी के मामलों की जांच कर रहे हैं। जिसमें हाल ही सामने आए पंजाब नेशनल बैंक का 13,000 करोड़ रुपए का घोटाल शामिल है। इसे घोटाले में हीरो कारोबार नीरव मोदी आैर गीतांजली जेम्स के मालिक मेहुल चोकसी है। अभी हाल ही में सीबीआइ ने आइडीबीअाइ बैंक में 600 करोड़ रुपए के धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।
एनपीए में भारी बढ़ोतरी
सरकारी आंकड़ों पर नजर डालें तो बैंकों में गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रहा है। बैंकों में एनपीए की कुल रकम बढ़कर 8,40,958 करोड़ रुपए हो गर्इ है। चौकाने वाली बात ये है कि इसका करीब 24 फीसदी हिस्सा सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक(एसबीआइ) का है। एसबीआइ का मौजूदा एनपीए सबसे अधिक है जिसकी कुल रकम 2,01,560 करोड़ रुपए है। वित्त मंत्र शिव प्रताप शुक्ला ने 9 मार्च को लोकसभा में देश के कर्इ बड़े बैंकों के एनपीए के बारे में जानकारी दी थी।