Christmas Special: क्या था प्रभु यीशु का इस दुनिया में आने का खास मकसद बता रहे हैं जोधपुर के फादर जोस मथाइस

प्रभु यीशु की सबसे बड़ी सीख- मानव से मानव को मानव के रूप में पहचानना ही मानवता है

<p>Christmas celebrations in Jodhpur</p>
मनुष्य ईश्वर के प्रेम और सान्निध्य, ईश्वर की निकटता में था, लेकिन संसार में पाप आया और मनुष्य ईश्वर की निकटता से दूर होने के बाद धीरे-धीरे इस संसार मे बुराई फैलती गई। पाप के कारण मनुष्य अपना मूल स्वरूप खो बैठा । वह जो प्यार मे रहता था, नफ रत, घृणा व बदले की भावना के वशीभूत हो गया। महाभारत में भगवान श्री कृष्ण , अर्जुन को बताते हैं, यदा यदा ही धर्मस्य ग्लानिर्भवती भारत:….युगे युगे।
 

इस श्लोक से भगवान श्री कृष्ण, अर्जुन को अपने अवतार का अर्थ समझाते हैं। ठीक उसी प्रकार प्रभु ईसा को भी, संसार व मनुष्यों को पाप की गुलामी व गन्दगी से बचाने के लिए मानव अवतार लेना पड़ा। प्रभु ईसा के मानव अवतार और जन्म का पर्व है क्रिसमस। ईश्वर प्रेम है और उसका स्वरूप दया और करुणा है। मानव को फि र से ईश्वर की करुणा, प्रेम और दया का एहसास कराना ईसा मसीह का खास मकसद था। सबसे श्रेष्ठ मानवीय गुण, जो प्रभु ईसा मसीह ने सिखाया कि हम किसी पर दोष न मढ़ें। मानव से मानव को मानव के रूप मे पहचानना ही मानवता है।
ईसा ने अपने जीवन से यही सिखाया कि हम मानव को मानव के रूप मे पहचानें, उसका दु:ख दर्द समझे, जहां तक संभव हो सके, उसकी सहायता करें। यही सच्ची मानवता है, इन्सानियत है। क्रिसमस मानवता के लिए ईश्वर के प्रेम का पर्व है। मनुष्य आज इस संसार की चकाचौंध मे घिरा हुआ है। हम अपने सभी धार्मिक अनुष्ठानों से देवत्व की खोज में हैं, लेकिन देवत्व की खोज में हम अपनी मनुष्यता भूलते जा रहे हैं। यह क्रिसमस का पर्व, हमें एक बार फिर मानव होने की याद दिलाए, हमारी मानवता फि र जाग्रत कर दे और वास्तव मे इंसान बनने में सहायक हो। यह पर्व हम सबके लिए मंगलमय हो। – फादर जोस मथाइस, सेंट पॉल स्कूल, झालामंड
 

केंडल और केक के साथ चला बधाइयों का दौर
प्रभु यीशू मसीह के जन्म दिन क्रिसमस के उपलक्ष्य में आकर्षक रोशनी से सजे चर्च में मसीही समाज व कैथोलिक अनुयायियों ने मित्रों-परिजनों को केक खिलाकर क्रिसमस की बधाई दी। सेन्ट्रल मेथोडिस्ट चर्च में क्रिसमस की आराधना सोमवार सुबह 9.30 बजे एवं एसएम चर्च में सुबह 9 बजे हुई। इससे पहले रविवार रात्रि जोधपुर शहर के सभी प्रमुख गिरिजाघरों में मिड-नाइट केंडल लाइट सर्विस का आयोजन किया गया। मध्यरात्रि आराधना के बाद चर्च में क्रिसमस की बधाईयां देने का सिलसिला आरंभ हो गया।
जेडीए सर्किल के पास स्थित सेंट थेरेसास् कैथोलिक चर्च में फादर क्लेमेंट और फादर जोस कुट्टी के सान्निध्य में क्रिसमस मिड नाइट मास के दौरान बड़ी संख्या में कैथोलिक अनुयायियों ने भाग लिया। चर्च परिसर में बेथहेलम गांव में यीशू जन्म से जुड़ी क्रिब की झांकी सजाई गई। आराधना में विदेशी पर्यटक भी शामिल हुए। तारघर के पीछे स्थित समरवेल मेमारियल चर्च की संयुक्त क्रिसमस आराधना कुड़ी भगतासनी स्थित आराधनालय चर्च में रेव्ह. नाहरमल बरनाबास तथा ईएन हाबिल के सान्निध्य में की गई।
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