इस बार किस वाहन पर आ रही संक्रांति और क्या होगा पुण्यकाल ?

उत्तरायण सूर्य की आराधना और स्नान दान का पर्व मकर संक्रांति बुधवार को मनाई जाएगी

उत्तरायण सूर्य की आराधना और स्नान दान का पर्व मकर संक्रांति बुधवार को मनाई जाएगी। इस बार सूर्य का मकर राशि में प्रवेश 14 और 15 जनवरी की मध्यरात्रि के बाद होगा। इसलिए इसका विशेष पुण्यकाल 15 जनवरी को रहेगा। मकर संक्रांति पर तीर्थो में स्नान, दान करने का विशेष महत्व है, इसलिए अनेक श्रद्धालु तीर्थस्थलों पर जाकर संक्रांति स्नान करेंगे और दान पुण्य करेंगे।

पंडितों के अनुसार, इस बार संक्रांति का वाहन ‘खर’ और उपवाहन ‘मेष. होगा। हाथ में कांस्य पात्र और मिट्टी का लेपन रहेगा। युवा अवस्था रहेगी और पश्चिम की ओर गमन होगा। स्वरूप के हिसाब से संक्रांति शुभ फलदायी रहेगा। खासकर युवा वर्ग के लिए यह शुभकारी रहेगी।

मकर संक्रांति पर सूर्य की उपासना के साथ तीर्थ स्थलों पर दान पुण्य विशेष महत्व है। इस दिन तिल का उबटन लगाकर स्नान और तिल से बने ब्यंजनों का भी विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन तिल दान का विशेष महत्व है। सूर्य का मकर राशि में प्रवेश के साथ ही मकर संक्रांति का आगमन माना जाता है।

14 जनवरी को शाम 7.53 बजे सूर्य देव धनु से मकर राशि में प्रवेश करेंगे। दरअसल सूर्य का राशि परिवर्तन सूर्यास्त के बाद होगा। इसके चलते पुण्यकाल 15 जनवरी को सुबह श्रेष्ठ रहेगा। संक्रांति का पुण्य स्नान सूर्योदय पर किया जाता है, इसलिए इस बार संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी।

15 जनवरी को पुण्यकाल

सुबह 7.19 से शाम 5.46 बजे तक

महापुण्य काल 7.19 से 9.03 बजे तक
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