ये भी पढ़ें- raksha bandhan 2019 : बुरे समय से बचना है तो 15 अगस्त को करें ये उपाय शास्त्रों के अनुसार, रक्षासूत्र में पांच वस्तुओं का विशेष महत्व होता है। इनमें दूब ( घास ), अक्षत ( चावल ), केसर, चंदन और सरसों प्रमुख है। इन पांच वस्तुओं को रेशम के कपड़े में बांधकर सिलाई कर दें। ऐसा करने से वैदिक राखी तैयार हो जाएगी।
इन पांच वस्तुओं का महत्व दूब ( घास ) : जैसा कि हम सभी जानते हैं कि दूब भगवान गणेश जी को प्रिय है। माना जाता है कि दूब से बने राखी बांधने से सभी विघ्नों का नाश हो जाता है। इसके अलावे सदाचार और मन की पवित्रता बढ़ती है।
अक्षत ( चावल ) : अक्षत का प्रयोग इस लिये किया जाता है ताकि एक दूजे प्रति श्रद्धा कभी क्षत-विक्षत ना हो। केसर : केसर की प्रकृति तेज होती है। केसर युक्त राखी बांधने से भाई तेजस्वी होता है और उसका तेज कभी कम नहीं होता है।
चंदन : चंदन युक्त राखी बांधने से जीवन में शीतलता बनी रहती है और कभी भी मानसिक तनाव नहीं होता है। सरसों के दानें : माना जाता है कि सरसों की प्रकृति तीक्ष्ण होती है। सरसों युक्त राखी बांधने से समाज के दुर्गणों को समाप्त करने में सहयोग मिलती है। इसके अलावे सरसों के दाने को बुरी नजर से बचाने के लिए भी प्रयोग किया जाता है।
इन पांच वस्तुओं से बने राखी को सबसे पहले भगवान को अर्पित करें। इसके बाद बहनें अपने भाई को शुभ संकल्प कर के बांधें। माना जाता है कि विशेष वैदिक राखी बांधने से भाईजन वर्षभर सुखी रहते हैं।