घर की महिलाएं संभव हो तो नौ दिनों का उपवास चैत्र नवरात्रि में जरूर रखें। व्रत उपवास में केवल सात्विक भोजन का ही सेवन करें। कहा जाता है कि नवरात्रि के दिनों में उपवास के समय जौ, जल और फल का ही सेवन करना चाहिए। दिन में कम से कम 2 घन्टे मौन रहना चाहिए। श्री दुर्गा सप्तसती की दोनों समय श्रद्धा पूर्वक पाठ करना चाहिए। 9 दिनों तक हर रोज सूर्योदय के समय, दोपहर के समय एवं सूर्यास्त के समय 108-108 बार इस मंत्र- “ॐ आदित्याय नमः” का जप करें। माता के इस मंत्र के जप से मां शैलपुत्री की उपासना स्वतः ही हो जाती है।
नौ दिनों तक महिलाएं माँ दुर्गा को अर्पित करें ये चीज
माँ सिद्धिदात्री की चार भुजा हैं जो शेर की सवारी करती है, देवी माँ कमल के फूल पर भी विराजमान होकर दाहिनी तरफ के नीचे वाले हाथ में कमल का फूल ही धारण करती है। अविवाहित कन्याएं हो, विवाहित महिलाएं, बुजुर्ग या विधवा महिलाएं हो सभी मातृ रूप होती है। इसलिए नवरात्रि के नौ दिनों तक सुबह के समय हर रोज शुद्ध जल जिसमें लाल पुष्प एवं लाल कुमकुम डला हो माता को चढ़ायें, अंतिम दिन माता को सुहाग की सामग्रियां जिसमें हरी चुड़ियां शामिल, हो भेट करें। ऐसा करने से माता की कृपा से घर परिवार की सभी बाधाएं, समस्याएं दूर होने के साथ घर में बरकरत होने लगगी।
चैत्र नवरात्रि में इन बातों का रखें ध्यान
– चैत्र नवरात्रि के नौ दिनों तक माता की पूजा में तुलसी, आंवला, दूर्वा, मदार और आक के फूल नहीं चढ़ाने चाहिए।
– माता को सबसे अधिक पसंद लाल रंग के फूल व रंगों का प्रयोग आता है।
– चैत्र नवरात्रि में लाल फूल हर दिन माँ दुर्गा को अर्पित करना चाहिए।
– चैत्र नवरात्रि के दिनों में घर में माँ दुर्गा की दो या तीन मूर्तियां या फोटों नहीं रखना चाहिए।
– माँ दुर्गा की पूजा हमेशा धुले हुए वस्त्र पहनकर करनी चाहिए।
– चैत्र नवरात्रि में महिलाएं पूजा के समय अपने बाल बंधे ही रखना चाहिए।
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