दिवाली 2020: ऐसे समझें दिवाली की रात माता लक्ष्मी आपके घर आईं या नहीं

जानकारी के अभाव में अधिकांश लोग नहीं पहचान पाते देवी माता लक्ष्मी के आगमन के ये संकेत…

<p>Is goddess laxmi entered in your home at diwali, Yes or No Get the Answer here</p>

दीपावली का मुख्य त्योहार कार्तिक माह की अमावस्या की रात को मनाई जाती है। वहीं दिवाली की शाम/रात को स्थिर लग्न और शुभ मुहूर्त में माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा-अर्चना होती है। ऐसे में इस वर्ष यानि 2020 में दिवाली 14 नवंबर, शनिवार को मनाई जाएगी।

सनातन धर्म के अनुसार देवी लक्ष्मी धन-धान्य की देवी हैं। मान्यता है कि वह दिवाली की रात को जिनके भी घर ठहरती उनके घर पर धन-धान्य से भर देती हैं। और उसे सम्पदा की कभी भी कोई कमी नहीं रहती। लेकिन समस्या ये हक् कि देवी माता आपके घर में आईं या नहीं इसे कैसे पहचाना जाए, इस संबंध में जानकारों का मानना है कि जिस भी घर में देवी मां लक्ष्मी दिवाली पर जाती हैं। वहां कुछ विशेष संकेत मिलते हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में हम उन्हें पहचान ही नहीं पाते, जिसके कारण समय पर हम देवी मां की पूर्ण कृपा के पात्र नहीं बन पाते।

इन रूपों में आती है मां लक्ष्मी आपके घर : which forms on diwali maa lakshmi comes to our home
पंडित एसडी शर्मा बताते हैं कि आरोग्य दिवाली पर लक्ष्मी जी अपने आठ स्वरूपों के साथ आती हैं। महालक्ष्मी ( कन्या), धन लक्ष्मी ( धन, वैभव, निवेश, अर्थव्यवस्था), धान्य लक्ष्मी ( अन्न), गज लक्ष्मी ( पशु और प्राकृतिक धन), सनातना लक्ष्मी( सौभाग्य, स्वास्थ्य, आयु और समृद्धि), वीरा लक्ष्मी ( वीरोचित लक्ष्मी), विजया लक्ष्मी ( विजय), विद्या लक्ष्मी ( विद्या, ज्ञान, कला, विज्ञान)।

इन आठों स्वरूपों का एकाकार पर्व ही दीपावली महापर्व के रूप में जाना जाता है। यह प्रकाश पर्व पुष्टि, प्रगति और परोपकार का प्रतीक है।

जानकारों व पंडितों के अनुसार मान्यता के अनुसार देवी लक्ष्मी दिवाली की रात को कुछ खास घरों को ही चुनती हैं, और वहां अपने आगमन के विशेष संकेत भी देती हैं।

 

ऐसे पहचाने : मां लक्ष्मी आपके घर आईं या नहीं!: Identify like this: Maa Lakshmi came to your home or not!

1. दिवाली के दिन यदि आपको घर में कहीं छछुंदर दिख जाए, तो यह मां लक्ष्मी के आपके घर में आगमन का शुभ संकेत माना जाता है।

2. दिवाली के दिन मकड़ी के जाले में अपना नाम बनता देखना भी मां लक्ष्मी के आगमान का शुभ संकेत माना जाता है।

3. माता लक्ष्मी का वाहन होने की वजह से उल्लू का दिखना भी इस दिन किसी चमत्कार से कम नहीं होता।

4.दिवाली की रात को यदि कहीं दिवारों पर छिपकली दौड़ती हुई दिख जाए तो इसको भी एक अच्छा शगुन मानने के साथ ही मां लक्ष्मी का घर में आगमन माना गया है।

5. दिवाली वाले दिन अगर कहीं घर में दो मुंह वाला सांप दिख जाए तो इसे लक्ष्मी मां के आशीर्वाद से आपके धन की बढ़ोत्तरी का-सूचक माना जाता है।

6. दिवाली के समय मात्र सांप ही नहीं अपितु सांप की केचली का मिलना भी धन वृद्धि व देवी लक्ष्मी के आगमन का घोतक माना गया है।

7. दिवाली के समय बिल्ली की नाल का मिलना मां लक्ष्मी के आगमन को दर्शाता है, साथ ही ये भी माना जाता है कि ऐसा होने से आपको जीवन में धन की कभी कमी नहीं होगी।

8. दिवाली के दिन किसी भी जगह से अनचाहा धन मिलना भी यह बताता है कि धन की देवी आपके घर के द्वार पहुंच चुकी हैं।

9. इसके अलावा दिवाली की रात यदि कोई बिल्ली आपकी छत पर अपनी गंदगी छोड़ जाए तो यह माता लक्ष्मी की स्थिरता का घोतक होता है।

दीप पर्व वित्तीय अनुशासन का भी पर्व…
यही नहीं, दीप पर्व वित्तीय समायोजन, वित्तीय संयोजन और वित्तीय अनुशासन का भी पर्व है। धन है, लेकिन खर्च करने का विवेक और बुद्धि कौशल नहीं तो बेकार है।

जो भविष्य का ध्यान नहीं रखे, वह धन भी बेकार है। दीप पर्व के माध्यम से देवी पग-पग पर यही समझाती हैं कि मेरा स्वभाव चंचल है। इसलिए, सकारात्मक दृष्टि से मेरा उपयोग करें। अपने अंदर सकारात्मक प्रकाश करें। अपने अंत: बाह्य दोनों रूपों में प्रकाश करें।

दिवाली के दिन देवी माता लक्ष्मी उन्हीं घरों को चुनती हैं जिनके घर के सदस्यों के अंदर ये 6 तरह अवगुण नहीं होते।

इन घरों को चुनती हैं मां लक्ष्मी : Goddess Lakshmi chooses these homes
मान्यता के अनुसार एक बार देवी रूक्मिणी जिन्हें स्वयं लक्ष्मी का रूप माना जाता है। वे महालक्ष्मी से पूछती हैं कि, हे देवी आप किस तरह के मनुष्यों पर कृपा करती हैं।

1. इस पर देवी लक्ष्मी ने उत्तर देते हुए बताया कि जो मनुष्य अपनी वाणी पर नियंत्रण रखता है और जरूरत के अनुसार उचित शब्दों का ही प्रयोग करता है, उस पर मैं प्रसन्न रहती हूं। ऐसा मनुष्य मेरी कृपा का पात्र होता है।

2. वहीं जो व्यक्ति लोभ त्यागकर उदारता के साथ दूसरों की सहायता करता है, मां लक्ष्मी कहती हैं मैं उस पर सदा कृपा करती हूं।

3. क्रोध मनुष्य की बुद्धि का नाश कर देता है। ऐसे में क्रोध आने पर व्यक्ति उचित-अनुचित का ज्ञान भूल जाता है, मान्यता है कि परिणाम स्वरूप वह ऐसा काम कर बैठता है जिससे घर आयी लक्ष्मी भी रूठ जाती हैं।

4. मान्यता है कि जो व्यक्ति आलस करता है और आज के काम को कल के लिए टालता रहता है उस पर कभी भी माता लक्ष्मी प्रसन्न नहीं होतीं।

5. जो व्यक्ति अपनी शक्ति और संपत्ति के अहंकार में दिन रात डूबा रहता है माना जाता है कि देवी लक्ष्मी लंबे समय तक उसके साथ नहीं रहतीं।

6. यह भी कहा जाता है कि जो व्यक्ति अपने पैसे को जरूरत से ज्यादा खर्च करता है, उसके घर से देवी लक्ष्मी रूठकर चली जाती हैं।


दीपावली-2020: 499 साल बाद बन रहा बेहद खास special on this diwali…
दीपावली-2020 के संबंध में पंडितों व जानकारों के अनुसार शनि स्वाति योग से सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। यह योग सुबह से लेकर रात 8:48 तक रहेगा। दिवाली सर्वार्थसिद्धियोग के साथ ग्रहों की स्थिति भी बहुत उत्तम है।
शुक्र बुध की राशि कन्या में , शनिदेव स्वराशि मकर में ,राहु शुक्र की राशि वृष में तो केतु मंगल की राशि वृश्चिक में हैं। इस दिन सूर्य तुला राशि मे ,चंद्रमा शुक्र की राशि तुला में ,पराक्रम कारक ग्रह मंगल गुरु की राशि मीन में , बुध शुक्र की राशि तुला में हैं। बताया जा रहा है कि ग्रहों की इस प्रकार की स्थिति 499 साल पहले 1521 में थी।

स्थिरलग्न में पूजन महूर्त : Pooja Muhurta in fixed lagna
वृषभ-सायं 5:30 से 7:30 के मध्य
सिंह -रात 12:00 से 2:15 के मध्य

दिवाली का पूजन स्थिर लग्न में करना अच्छा होता है। कहते हैं कि इस स्थिर लग्न में पूजन करने से माता लक्ष्मी आपके घर में ठहरती है।

प्रदोष काल मुहूर्त- शाम 05.26 बजे से रात 08.08 बजे तक

निशीथ काल : क्या करें इस समय
14 नवंबर शनिवार के दिन निशीथ काल रात में लगभग 8 बजे से लेकर 11 बजे तक रहेगा. स्थानीय प्रदेशों के अनुसार इस दौरान कुछ मिनटों का अंतर हो सकता है। इस काल में धन की देवी लक्ष्मी का आह्वान एवं पूजन, गल्ले की पूजा तथा हवन आदि कार्य पूरे कर लेने चाहिए।

इसके साथ ही महालक्ष्मी पूजन, महाकाली पूजन, लेखनी कुबेर, पूजन व अन्य मंत्रों का जप भी कर लेना शुभ रहता है.

निशीथ काल मुहूर्त- रात में 08.08 बजे से 10.51 बजे तक

महानिशीथ काल : क्या करें इस समय
महानिशीथ काल में कर्क लग्न भी हो तो शुभ माना जाता है। जो लोग शास्त्रों के अनुसार दिवाली पूजन करना चाहते हैं, उन्हें इस समयावधि में पूजा कर लेनी चाहिए। इस काल में मुख्यतौर पर तांत्रिक, ज्योतिर्विद, वेद आरंभ, कर्मकांडी, अघोरी, यंत्र-मंत्र-तंत्र के ज्ञाता अलग-अलग शक्तियों का पूजन करते हैं।

महानिशीथ काल मुहूर्त- रात में 10.51 बजे से 15 नवंबर की रात 02.33 बजे तक

दिवाली पूजन लग्न
वृश्चिक लग्न- सुबह 06.57 बजे से 09.14 बजे तक.
कुंभ लग्न- दोपहर में 01.02 बजे से 02.29 बजे तक
वृष लग्न- शाम को 05.30 बजे से 07.24 बजे तक
सिंह लग्न- रात में 12 बजे से 15 नवंबर की रात 02.17 बजे तक

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