क्यों मनाया जाता है गणेश चतुर्थी?
गणेश चतुर्थी को भगवान गणेश के जन्म के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है| भगवान गणेश और इनका महत्व? भगवान गणेश भगवान शिव और पार्वती के पुत्र हैं| गणेश जी बुराईयों और बाधाओं का विनाश करने वाले भगवान हैं। गणेश जी उन पांच प्रमुख देवताओं (ब्रह्मा, विष्णु, शिव और दुर्गा) में से एक है जिसकी मूर्ति पूजा पंचायतन पूजा के रूप में होती हैं। और हिंदू धर्म के अनुसार, परिवार और समुदाय के अंदर कोई भी काम उनका आशीर्वाद लेने के बाद ही शुरू होता है। भगवान गणेश को ज्ञान, लेखन, यात्रा, वाणिज्य और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। 108 नामों में से इन्हे गजानन, गजदंत और विघ्नहर्ता के नाम से भी जाना जाता है|
गणेश चतुर्थी को भगवान गणेश के जन्म के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है| भगवान गणेश और इनका महत्व? भगवान गणेश भगवान शिव और पार्वती के पुत्र हैं| गणेश जी बुराईयों और बाधाओं का विनाश करने वाले भगवान हैं। गणेश जी उन पांच प्रमुख देवताओं (ब्रह्मा, विष्णु, शिव और दुर्गा) में से एक है जिसकी मूर्ति पूजा पंचायतन पूजा के रूप में होती हैं। और हिंदू धर्म के अनुसार, परिवार और समुदाय के अंदर कोई भी काम उनका आशीर्वाद लेने के बाद ही शुरू होता है। भगवान गणेश को ज्ञान, लेखन, यात्रा, वाणिज्य और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। 108 नामों में से इन्हे गजानन, गजदंत और विघ्नहर्ता के नाम से भी जाना जाता है|
कैसे मानते हैं लोग इस उत्सव को?
गणेश चतुर्थी , जिसे विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है, को मनाने के लिए, भक्त भगवान गणेश की मूर्तियों को देवता की पूजा करने, अच्छा खाना खाने, दोस्तों और परिवार के साथ आनंद लेने और अंत में मूर्तियों को विसर्जित करने के लिए लाते हैं। इसके अलावा मंदिर में पूजा करते हैं और मोदक जैसी मिठाइयों को प्रसाद के रूप में बांटते हैं क्योंकि यह भगवान गणेश की पसंदीदा मिठाई है।
गणेश चतुर्थी , जिसे विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है, को मनाने के लिए, भक्त भगवान गणेश की मूर्तियों को देवता की पूजा करने, अच्छा खाना खाने, दोस्तों और परिवार के साथ आनंद लेने और अंत में मूर्तियों को विसर्जित करने के लिए लाते हैं। इसके अलावा मंदिर में पूजा करते हैं और मोदक जैसी मिठाइयों को प्रसाद के रूप में बांटते हैं क्योंकि यह भगवान गणेश की पसंदीदा मिठाई है।
किन राज्यों में मनाया जाता है यह त्यौहार?
भगवान गणेश के सम्मान में यह त्यौहार यूपी, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, और कर्नाटक, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश जैसे कई राज्यों में बहुत धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है। महाराष्ट्र से ही सार्वजनिक गणेश स्थापना की परंपरा आजादी से पहले शुरू हुई थी|
भगवान गणेश के सम्मान में यह त्यौहार यूपी, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, और कर्नाटक, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश जैसे कई राज्यों में बहुत धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है। महाराष्ट्र से ही सार्वजनिक गणेश स्थापना की परंपरा आजादी से पहले शुरू हुई थी|
इस वर्ष का मुहूर्त
इस वर्ष चतुर्थी तिथि 10 सितंबर को सुबह 12:18 बजे से रात 09:57 बजे तक है। अन्य राज्यों में शुभ मुहूर्त अहमदाबाद – सुबह 11:22 से दोपहर 01:51 तक
इस वर्ष चतुर्थी तिथि 10 सितंबर को सुबह 12:18 बजे से रात 09:57 बजे तक है। अन्य राज्यों में शुभ मुहूर्त अहमदाबाद – सुबह 11:22 से दोपहर 01:51 तक
बेंगलुरु – सुबह 11:03 से दोपहर 01:30 तक चंडीगढ़ – सुबह 11:05 से दोपहर 01:35 तक चेन्नई – सुबह 10:52 से दोपहर 01:19 तक गुड़गांव – सुबह 11:04 से दोपहर 01:33 तक
हैदराबाद – सुबह 10:59 बजे से दोपहर 01:27 तक
गणेश विसर्जन के लिए शुभ चौघड़िया मुहूर्त
प्रातः काल (चर, लाभ, अमृत) – सुबह 07:39 से रात में 12:14 तक
दोपहर (शुभ)- दोपहर 01:46 से दोपहर में 03:18 तक
शाम (शुभ, अमृत, चर)- शाम 06:21 से रात में 10:46 तक
रात (लाभ)- सुबह 01:43 से सुबह के 03:11 तक (20 सितंबर)
उषाकाल मुहूर्त (शुभ) – सुबह 04:40 से सुबह के 06:08 तक (20 सितंबर)
गणेश विसर्जन के लिए शुभ चौघड़िया मुहूर्त
प्रातः काल (चर, लाभ, अमृत) – सुबह 07:39 से रात में 12:14 तक
दोपहर (शुभ)- दोपहर 01:46 से दोपहर में 03:18 तक
शाम (शुभ, अमृत, चर)- शाम 06:21 से रात में 10:46 तक
रात (लाभ)- सुबह 01:43 से सुबह के 03:11 तक (20 सितंबर)
उषाकाल मुहूर्त (शुभ) – सुबह 04:40 से सुबह के 06:08 तक (20 सितंबर)
चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ – 19 सितंबर को सुबह 05:59 बजे से
चतुर्दशी तिथि समाप्त – 20 सितम्बर को शाम 05:28 बजे तक यह भी पढ़ें- मिट्टी की गणेश प्रतिमाओं से सजा बाजार, देखें फोटो गैलरी
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