गद्दारों का कोई इमान नहीं
बकरीद की मुख्य नमाज से पहले हाजी रफीक आलम साहब ने अपने तकरीर में कहा कि देश से गद्दारी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इनका कोई धर्म नहीं होता। मुस्लमान दहादतगर्दी और देश से गद्दारी से दूर रहें। यही इस्लाम का संदेश है। उन्होनें युवाओं को देश के प्रति वफादार और मोहब्बत करने की अपील की।
गद्दारों का कोई इमान नहीं
बकरीद की मुख्य नमाज से पहले हाजी रफीक आलम साहब ने अपने तकरीर में कहा कि देश से गद्दारी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इनका कोई धर्म नहीं होता। मुस्लमान दहादतगर्दी और देश से गद्दारी से दूर रहें। यही इस्लाम का संदेश है। उन्होनें युवाओं को देश के प्रति वफादार और मोहब्बत करने की अपील की।
गद्दारों का कोई इमान नहीं
बकरीद की मुख्य नमाज से पहले हाजी रफीक आलम साहब ने अपने तकरीर में कहा कि देश से गद्दारी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इनका कोई धर्म नहीं होता। मुस्लमान दहादतगर्दी और देश से गद्दारी से दूर रहें। यही इस्लाम का संदेश है। उन्होनें युवाओं को देश के प्रति वफादार और मोहब्बत करने की अपील की।
गद्दारों का कोई इमान नहीं
बकरीद की मुख्य नमाज से पहले हाजी रफीक आलम साहब ने अपने तकरीर में कहा कि देश से गद्दारी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इनका कोई धर्म नहीं होता। मुस्लमान दहादतगर्दी और देश से गद्दारी से दूर रहें। यही इस्लाम का संदेश है। उन्होनें युवाओं को देश के प्रति वफादार और मोहब्बत करने की अपील की।
गद्दारों का कोई इमान नहीं
बकरीद की मुख्य नमाज से पहले हाजी रफीक आलम साहब ने अपने तकरीर में कहा कि देश से गद्दारी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इनका कोई धर्म नहीं होता। मुस्लमान दहादतगर्दी और देश से गद्दारी से दूर रहें। यही इस्लाम का संदेश है। उन्होनें युवाओं को देश के प्रति वफादार और मोहब्बत करने की अपील की।