एक महीने तक चलने वाले मेले में कल्पवासी और साधु-संत गंगा मइया की धुन में रमते जा रहे हैं।
रामनगरिया मेले में बच्चों के लिए भी झूले तैयार हैं। अलग-अलग तरह की दुकानें भी सजी हैं।
मेला प्रशासन के मुताबिक, इस बार रामनगरिया मेले में करीब 40 हजार से अधिक साधु-संत पहुंच चुके हैं।
मेले में सुबह चार बजे से ही साधकों की दिनचर्या शुरू हो जाती है जो रात के 12 बजे तक चलती रहती है। पुलिस मुस्तैद है।
फर्रुखाबाद के पांचाल घाट पर प्रतिवर्ष माघ महीने में गंगा किनारे मेला लगता है, जिसे रामनगरिया मेला कहते हैं।
फर्रुखाबाद के पांचाल घाट पर लगने वाला माघ मेला काफी लोकप्रिय है। प्राचीन ग्रथों में इस पूरे क्षेत्र को स्वर्गद्वारी कहा गया है।
राम नगरिया मेले की अदभुत छटा हर किसी को आनंदित कर रही है।