फर्रुखाबाद

कोरोनाः शमशान घाट में प्रशासन की खुल रही पोल

संक्रमित मरीजों की संख्या के साथ ही कोविड-19 की बीमारी से मरने वालों की संख्या भी बढ़ती जा रही है।

फर्रुखाबादApr 17, 2021 / 08:55 pm

Abhishek Gupta

Dead bodies

फर्रुखाबाद. कहते हैं जब काल अपना विकराल रूप ले लेता है तो शमशान की रूह भी कांप जाती है। कुछ ऐसा ही नजारा इन दिनों फर्रुखाबाद में सामने आ रहा है। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के साथ जिले में हालात बेकाबू होने लगे हैं। संक्रमित मरीजों की संख्या के साथ ही कोविड-19 की बीमारी से मरने वालों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। स्थिति यह है कि श्मशान घाट में शवों को जलाने के लिए जगह भी कम पड़ रही है। सरकारी आकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटो में 191 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में इजाफा हो चुका है। 2 लोगों की मौत के बाद मरने वालों की संख्या 100 के पार पहुंच गयी है।
फर्रुखाबाद के पांचाल घाट पर बने श्मशान घाट के रजिस्टर पर नजर दौडाएंगे तो आपकी रूह तक कांप सकती है। गिनती गिन कर आप थक जाएं। पिछले 7 पहले प्रतिदिन लगभग 2 दर्जन शव दाहसंस्कार के लिए आते थे। जबसे दोबारा कोरोना की बापसी हुई है।तभी से लगभग आधा सैकड़ा शव दाहसंस्कार के लिए आ रहे है।जिसमे अधिक तर लोग 50 वर्ष की अधिक उम्र के लोग है।कोरोना के पॉजिटिव मामले बढ़ने के मुकाबले कोविड-19 मरीजों के ठीक होने की दर में गिरावट आई है। मृत्यु दर में भी नए रिकॉर्ड बन रहे हैं। लोगों के अंतिम संस्कार के लिए काफी इंतजार करना पड़ रहा है। जिले में रोजाना कोई न कोई कोविड मरीज की मौत हो जाती है।उसके शव को सुरक्षा के साथ घाट पर दाह संस्कार किया जाना चाहिए लेकिन ऐसा नही किया जा रहा है। कोविड मरीज की मौत पर उसके साथ डॉक्टर की टीम के साथ पुलिस बल भी श्मशान घाट पर आते है।लेकिन मरीज के लिए इस्तेमाल किये जाने वाली पीपी किट को श्मशानघाट पर खुलेआम फेक दिया जाता है।जिससे संक्रमण फैलने का खतरा अधिक बना रहता है।लेकिन प्रसाशन इस लापरवाही की तरफ कोई भी ध्यान नही दे रहा है। आखिर इस प्रकार के कार्यो पर ब्रेक लग पाएगी।श्मशान घाट पर भीड़ होने के कई राज-पांचाल घाट गंगा तट पर समाजसेवियों द्वारा इस श्मशान घाट पर हरियाली से लेकर लोगो के बैठने का अच्छा इंतजाम किया है।उसी बजह से कटरी क्षेत्र में मरने वाले लोग भी अपने परिवार के सदस्य का शव लेकर इसी घाट पर पहुंच रहे है।

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