सरकार ने Corona Patients के लिए Home isolation के नियम किए आसान, जानिए क्या करना होगा

पंजाब में कम लक्षणों, पूर्व -लक्षण और लक्षण के बिना वाले मामलों को घरों में आसानी से एकांतवास (आइसोलेशन) की सुविधा दी जा सकती है।

<p>Home isolation norms eased for COVID-19 Patients in Punjab </p>
चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने मरीजों को घरों में एकांतवास (आइसोलेशन) की सुविधा प्राप्त करने के नियमों को आसान कर दिया है (Home isolation norms for corona patients) । कोविड -19 पॉजिटिव मरीज़ का इलाज कर रहे मेडिकल अफ़सर की तरफ से क्लीनिकल सलाह के अनुसार कम लक्षणों, पूर्व -लक्षण और लक्षण के बिना वाले मामलों को घरों में आसानी से एकांतवास (आइसोलेशन) की सुविधा दी जा सकती है। ऐसे केस, जिनके पास घरों में ख़ुद को और परिवार को एकांतवास (आइसोलेट) करने की सुविधा है और 60 साल से ऊपर की उम्र वाले बुज़ुर्ग व्यक्ति, जिनको अन्य बीमारियाँ जैसे कि हाइपरटेंशन, शुगर, दिल की बीमारी, क्रोनिक लंग्स, लिवर, किडनी डिजीज आदि बीमारियाँ हैं, उनको मेडिकल अफसरों की सलाह के साथ ही घर में आईसोलेट करने की सुविधा दी जा सकती है, जिससे मरीजों की स्वास्थ्य को कोई नुक्सान न पहुँचे।
ये काम करना होगा
एकांतवास के लिए मरीज़ की तरफ से करारनामा (स्व-घोषणा पत्र) लिख कर दिया जायेगा कि उनके पास घर में एकांतवास के लिए अलग कमरा और टॉयलेट की सुविधा है। इसी तरह मरीज़ को किट खरीदनी ज़रूरी होगी, जिसमें पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर, विटामिन सी और जि़ंक की गोली शामिल है। मरीज़ की देखभाल करने वाला व्यक्ति चौबीस घंटे उपलब्ध होना चाहिए। घर में एकांतवास के पूरे समय के दौरान मरीज़ की संभाल करने वाले व्यक्ति और अस्पताल में तालमेल रखा जायेगा। मरीज़ के मोबाइल में कोवा एप्लीकेशन डाउनलोड की जाये और हमेशा एक्टिव (ब्लूटूथ और वाई-फायी द्वारा) रखी जाये। मरीज़ की सहमति ज़रूरी होगी कि वह दिन में 3 बार ऑक्सीजन और बुख़ार की जांच करेगा। स्वास्थ्य का पूरा रिकॉर्ड रखा जायेगा। लगातार स्वास्थ्य स्थिति संबंधी जि़ला नोडल अफ़सर को जानकारी दी जायेगी, जो फॉलो-अप के लिए निगरानी टीम को सुविधा प्रदान करेंगे।
इन लक्षणों पर मेडिकल सहायता

पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री सरदार बलबीर सिंह सिद्धू ने बताय कि घर में एकांतवास (आइसोलेशन) 17 दिन और यदि लक्षण नहीं आते तो 3 दिनों में ख़त्म कर दिया जायेगा। यदि गंभीर लक्षण और समस्याएँ होने तो तुरंत मेडिकल सहायता प्राप्त की जाये। यदि मरीज़ को साँस लेने में तकलीफ़, डीप इन ऐकसीजऩ सैचूरेशन (एसपीओ2<95प्रतिशत), लगातार दर्द /छाती पर दबाव, दिमाग़ी संतुलन, गलत बोलना /दौरा, किसी भी अंग या चेहरा और कमज़ोरी या सुन्न होना, होंठों /चेहरे का रंग नीला पडऩे के लक्षण सामने आते हैं तो तुरंत मेडिकल सहायता प्राप्त करेगा।
देखभाल करने वाले व्यक्ति के लिए

स. बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि जहाँ मरीज़ की संभाल के दौरान सावधानियां ज़रूरी हैं, वहां मरीज़ और परिवारिक सदस्यों की संभाल बहुत ज़रूरी है। संभाल करने वाला व्यक्ति यकीनी बनाए कि मरीज़ को डॉक्टरी सलाह के अनुसार इलाज दिया जाये। संभाल करने वाला और उसके नज़दीकी संपर्क ख़ुद की स्वास्थ्य को मॉनीटर करेंगे और रोज़मर्रा के अपने बुख़ार को नापेंगे। यदि कोविड -19 के लक्षण (बुख़ार /खाँसी /साँस लेने में तकलीफ़ आदि) हैं तो तुरंत रिपोर्ट की जाये।
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