अयोध्या की 14 कोस की परिधि में मांस मदिरा की ब्रिकी पर रोक लगाने के मूड में योगी सरकार

ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने भी दिए संकेत अयोध्या और मथुरा हैं तीर्थनगरी ऐसे पदार्थों की नही होनी चाहिए बिक्री

फैजाबाद : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले तो धार्मिक महत्व का तकाजा देते हुए इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयाग किया और उसके बाद अब बारी थी भगवान श्री राम की नगरी अयोध्या की ,जिसका नाम फैजाबाद से बदलकर अब अयोध्या कर दिया गया है | मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में नाम परिवर्तन की अधिसूचना भी जारी हो जाएगी | जिले का नाम बदलने को लेकर छुटपुट प्रतिक्रियाओं के अलावा कुछ खास हंगामा नहीं हुआ | वजह यह भी थी कि अयोध्या की पहचान भगवान श्री राम से है ऐसे में अगर पूरी दुनिया में कहीं राम के जन्म स्थान का जिक्र होता है तो नाम अयोध्या का ही आता है | इसलिए लंबे समय से यह मांग भी हो रही थी जिले का नाम भी अयोध्या हो जाए | योगी सरकार के इस फैसले का अयोध्या की आम जनता ने स्वागत भी किया | वहीँ इस फैसले से प्रफुल्लित योगी सरकार ने अब एक और बड़ा निर्णय लेने का फैसला किया है और वह निर्णय है राम नगरी अयोध्या की 14 कोस की परिधि और भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा में मांस और मदिरा की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का |
ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने भी दिए संकेत अयोध्या और मथुरा हैं तीर्थनगरी ऐसे पदार्थों की नही होनी चाहिए बिक्री

योगी सरकार में मंत्री श्रीकांत शर्मा ने दोनों ही शहरों में मांस और मदिरा की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने पर जोर दिया है | प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी सोमवार को ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने यह बात कही थी कि साधु संतों और करोड़ों भक्तों की यह मांग है कि भगवान राम की नगरी अयोध्या और कृष्ण की नगरी मथुरा में मांस और मदिरा की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया जाए और दोनों जगह को तीर्थ स्थल घोषित किया जाए | चर्चा इस बात की भी है कि जिस तरह से खुले मंच से योगी आदित्यनाथ ने फैजाबाद जिले का नाम अयोध्या घोषित कर दिया उसी तरह से कैबिनेट की बैठक में राम नगरी अयोध्या में मांस की बिक्री पर रोक लग जाए तो बड़ी बात नहीं है |
संतों ने कहा पवित्र भूमि पर अशुद्ध सामग्री की बिक्री पर पहले ही लग जाना चाहिए था प्रतिबन्ध

अयोध्या संत समिति के अध्यक्ष महंत कन्हैया दास का कहना है कि वैसे भी भगवान राम की जन्मस्थली के रूप में पूरी दुनिया में जानी जाती है और यहां आने वाले लोग आस्था और श्रद्धा लेकर आते हैं | इसलिए इस तरह की अशुद्ध चीजों की आवश्यकता नहीं है | अगर प्रतिबंध लगता है तो संत समाज इसका स्वागत करता है | वही रामजन्म भूमि के मुख्य अर्चक आचार्य सतेन्द्र दास भी कहते हैं कि अयोध्या में रहने वाले आम लोग भगवान की सेवा पूजा में विश्वास रखते हैं और ज्यादातर लोग शाकाहारी है | इसलिए सरकार के इस फैसले का अयोध्या के आम लोगों पर कोई खास असर नहीं पड़ने वाला है | क्योंकि पहले से ही अयोध्या में 5 कोस की परिक्रमा के अंदर इन वस्तुओं की बिक्री पर रोक है | अगर इसका विस्तार किया जाता है तो सरकार का यह अच्छा कदम है और निश्चित रूप से समाज एक अच्छा संदेश जाएगा |
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