ऐसे में देखा जाए, तो एयरोस्पेस की फील्ड में अखिल का ये योगदान बेहद ही क़ाबिले-तारीफ़ हैं। वहीं, अगर उनकी इस सफलता की जर्नी पर नजर डालें, तो उनकी कहानी भी काफी दिलचस्प है। अखिल महज 26 साल के हैं। सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि उन्होंने अपनी पढ़ाई के दौरान 2 बार यूनिवर्सिटी को छोड़ा था। एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में आने से पहले उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक (मुंबई विश्वविद्यालय) और केमिकल इंजीनियरिंग (रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान (ICT)) में कुछ समय पढ़ाई की। मगर, बाद में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में शिफ्ट हो गए।
बचपन से उन्हें स्टीफेन हॉकिंस की बुक ‘ए ब्रीफ़ हिस्ट्री ऑफ टाइम’ पढ़ना बेहद पसंद था। इसके बाद धीरे-धीरे स्पेस के बारे में जानकारी इकट्ठा करना उनका एक जुनून बन गया। आगे चलकर उन्होंने ऑस्ट्रेलिया नेशनल यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित ऑनलाइन एस्ट्रोफिजिक्स प्रोग्राम में एडमिशन लिया।
स्पेस साइंस एलएलसी की बात करें, तो इसकी स्थापना 11 नवंबर, 2020 को की गई। इसके बाद इसे ऑफिशियली तौर पर डेलावेर की यूएस राज्य में रजिस्टर कर लिया गया था। इसका मात्र उद्देश्य यह है कि नए युवाओं को स्पेस साइंस से जुड़ी सारी जानकारी दी जाए। इससे इंटरेक्टिव पाठ्यक्रम, गेमिंग एप्प और क्विज़ के माध्यम से जुड़ा जा सकता है। यह आम लोगों के लिए भी उपलब्ध है।
अखिल का सपना है कि आने वाले समय में एयरोस्पेस में दिलचस्पी रखने वाले हर युवा को स्पेस से जुड़ी एक शिक्षा मिल सके, जिससे वह समय रहते अपने स्किल्स को डेवलप कर इंडस्ट्री में एक बेहतर कल की शुरुआत कर पाए। इसके लिए स्पेस साइंस एलएलसी जल्द ही स्पेस साइंस ओलंपियाड जैसी प्रतियोगिताओं का आयोजन करेगा। इसमें जो प्रथम पुरस्कार जीतेगा, उसे नासा के एस्ट्रोनॉट से मिलने का मौका मिलेगा। कहीं न कहीं अखिल तुराई का ये कदम किसी भी युवा के लिए एक बेहतर भविष्य बनाने के साथ ही देश की उन्नति में भी सहायक होगा।