यूके मीडिया का दावाः CPEC परियोजना पर चीन-पाकिस्तान में पैदा हुई दरार

सीपीईसी परियोजना को लेकर चीन और पाकिस्तान में खटास पैदा होना शुरु हो गया है।

<p>यूके की मीडिया का दावाः CPEC परियोजना पर चीन-पाकिस्तान में पैदा हुई दरार</p>

अबूधाबीः चीन की सीपीईसी परियोजना की हकीकत शायद पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री इमरान खान को समझ में आने लगी है। यूके के एक अखबार के दावे को अगर सच मानें तो पाकिस्तान ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) को अनफेयर(खराब) कहा है। यूके के इस प्रमुख अखबार ने विस्तार से बताया है कि आखिर पाक की नई सरकार को यह अच्छा क्यों नहीं लग रहा है। अखबार ने दावा किया है कि पाकिस्तान का तर्क है कि इस परियोजना से चीनी कंपनियों का काफी ज्यादा लाभ हो रहा है जबकि पाकिस्तान को उम्मीद के मुताबिक कुछ भी नहीं मिल रहा है।

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अखबार ने इमरान खान सरकार के वाणिज्य, कपड़ा, उद्योग, उत्पादन और निवेश मामलों के सलाहकार अब्दुल रज्जाक दाऊद के हवाले से कहा है कि पाकिस्तान की नई सरकार चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशटिव (BRI) में अपनी भूमिका की समीक्षा करेगी। अब्दुल रज्जाक के मुताबाकि इस परियोजना में पाकिस्तान की पुरानी सरकार ने काफी गलतियां की है।

सीपीईसी का विस्तान करेगा चीन
उधर, चीन ने सोमवार को कहा कि वह चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) को पाकिस्तान के पश्चिम तक विस्तार देगा। चीन पहले ही अफगानिस्तान को (पाकिस्तान के पश्चिम में) सीपीईसी में शामिल होने का आमंत्रण दे चुका है। इसके आगे पश्चिम में स्थित ईरान ने परियोजना में शामिल होने की रुचि दिखाई है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा, “दोनों पक्ष सीपीईसी को आगे बढ़ाएंगे। पाकिस्तान के आर्थिक विकास और पाकिस्तानी लोगों की जरूरतों के मद्देनजर हम सीपीईसी के लिए रास्तों और सहयोग की पहचान करेंगे।”

क्या है सीपीईसी परियोजना?
दरअसल सीपीईसी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की महत्वपूर्ण परियोजना है। अगर ये परियोजना पूरी हो जाती है तो इसके जरिए तीन हजार किलोमीटर के सड़क नेटवर्क तैयार के साथ-साथ रेलवे और गैस पाइपलाइन लिंक भी पश्चिमी चीन से दक्षिणी पाकिस्तान को जोड़ेगा। इस परियोजना के तहत बुनियादी ढांचे और ऊर्जा परियोजनाओं के जरिए 46 अरब डॉलर के निवेश की उम्मीद है।

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