ये भी पढ़ें- UP Assembly Elections 2022 : भाजपा-कांग्रेस को मिला ‘जीत’ का मंत्र, सपा-बसपा ने भी तैयार किया मास्टर प्लान यह भी होंगे मानक- इसके अतिरिक्त टिकट को लेकर और भी कई मानक तय हुए हैं। बताया जा रहा है कि जिन विधायकों के क्षेत्र मं हुए पंचायत चुनाव में खराब प्रदर्शन रहा है, उन विधायकों को टिकट नहीं मिलेगा। साथ ही विधायकों को लेकर आंतरिक सर्वेक्षण को भी आधार बनाया जाएगा। पंचायत चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन को माना जाएगा। भाजपा ने पहले यह भी घोषणा की थी कि पार्टी नेताओं के रिश्तेदारों को पंचायत चुनाव लड़ने का मौका नहीं दिया जाएगा। हालांकि, बाद में पार्टी ने जीत के कारक को प्राथमिकता दी व स्वेच्छा से अपने नेताओं के बेटों, बेटियों और पत्नियों को टिकट बांटे।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह पूर्व में ही नेताओं को सख्त चेतावनी दे चुके हैं कि वे अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में लगी होर्डिंग्स को हटाएं व आगे न लगाएं। साथ ही कोई भी उम्मीदवारी का दावा न करें।