Kerala Assembly Elections 2021: शशि थरूर बोले, भाजपा सिर्फ संप्रदायवाद और लव जिहाद पर भय फैलाने का काम कर रही

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, भाजपा में शामिल सीएम उम्मीदवार 88 वर्षीय ई.श्रीधरन (E. Sreedharan) राज्य के राजनीतिक भविष्य का जवाब नहीं हो सकते हैं।

<p>शशि थरूर </p>
नई दिल्ली। केरल विधानसभा चुनाव में (Kerala Assembly Elections 2021) रविवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने भाजपा पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा भाजपा (BJP) सिर्फ संप्रदायवाद और ‘‘लव जिहाद’’ पर भय फैलाने का काम कर रही है। इसके साथ लोगों को बांटने वाली नफरत की राजनीति कर सकती है। इसका बहुलतावादी केरल में असर नहीं पड़ने वाला है। उन्होंने कहा कि भाजपा में शामिल सीएम उम्मीदवार 88 वर्षीय ई.श्रीधरन (E. Sreedharan) राज्य के राजनीतिक भविष्य का जवाब नहीं हो सकते हैं।
कोई भी सीएम का पद संभाल सकता है

थरूर ने सीएम पद के लिए कोई उम्मीदवार घोषित न पर कहा कि पार्टी में कई नेता है जो अनुभवी होने के बाद सक्षम नेता हैं। इनमें से कोई भी सीएम का पद संभाल सकता है। उन्होंने कहा कि वे सभी सुझावों को खारिज करते है, जिसमें कहा जा रहा है कि केरल विधानसभा चुनावों में सीएम पद का उम्मीदवार न होने से कांग्रेस नीत यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) की संभावना क्षीण है।
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कांग्रेस सांसद ने मीडिया से एक साक्षात्कार में कहा कि केरल में हवा का रुख स्पष्ट रूप से यूडीएफ के पक्ष में है और दो मई को चुनाव परिणाम घोषित होने के दिन उसे ‘बड़ी जीत’ हासिल होने की उम्मीद करते हैं।
हर राज्य का अपना अलग राजनीतिक चरित्र है

पश्चिम बंगाल में कांग्रेस का वामपंथी दलों के साथ गठजोड़ करने और केरल में वाम मोर्चे के खिलाफ चुनाव लड़ने के दोहरे रवैये को लेकर भाजपा के आरोपों पर तिरुवनंतपुरम के लोक सभा सदस्य ने कहा कि भारत जैसे विशाल देश में हर राज्य का अपना अलग राजनीतिक चरित्र है।
गौरतलब है कि केरल की सभी विधानसभा सीटों पर 6 अप्रैल को मतदान होगा। वहीं मतगणना 2 मई को होगी। केरल में एक ही चरण में चुनाव होगा। कोरोना वायरस के कारण केरल में पोलिंग स्टेशनों की संख्या बढ़ाई गई है। केरल विधानसभा चुनाव में जीत तय करने वाला जादुई आंकड़ा है 71 है।
चुनाव के प्रमुख मुद्दे क्या हैं?

केरल में भ्रष्टाचार को सबसे मुख्य मुद्दा माना गयाहै। ये तो सभी जानते हैं कि एलडीएफ हर तरह के संकट से निपटी है- जिसमें तूफान, बाढ़, निपा वायरस, कोविड शामिल हैं। मगर चुनाव में सोने की तस्करी जैसे मामलों में भ्रष्टाचार के मुद्दे उठाए जा रहे हैं। इसके साथ सबरीमाला इस बार के चुनाव में एक बड़ा मुद्दा है। सेंट्रल और दक्षिण केरल इससे खासे प्रभावित हैं।
केरल का पिछला चुनाव

2016 के केरल विधानसभा चुनाव में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने 58 सीटें पर जीत हासिल की थीं, कांग्रेस ने 22, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने 19, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने 18, केरल कांग्रेस (एम) ने 6, जनता दल (सेकुलर) ने 3, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने दो सीटें जीतीं थी। भाजपा ने एक और अन्य ने 11 सीट जीती थीं।
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