पार्टी के अंदर यह भी कहा जा रहा है कि भाजपा का वोट प्रतिशत जो 2011 के चुनावों के बाद से लगातार बढ़ता जा रहा है, वह भी इस बार कम हो जाएगा। भाजपा जिन वोटर्स के प्रति पूरी तरह आश्वस्त थी कि वे उसे वोट देंगे, वे किन्हीं कारणों के चलते वोटिंग नहीं कर सके। पार्टी के आंकलन के अनुसार कुछ सीटों पर कांटे की टक्कर रही वहां हार-जीत का फैसला बहुत मामूली अन्तर से होगा। पार्टी के जिला स्तर के वरिष्ठ नेताओं के अनुसार दक्षिण केरल में लेफ्ट का वर्चस्व रहेगा जबकि कुछ जगहों पर यूडीएफ के जीतने की उम्मीद ज्यादा है।
यह भी पढ़ें
कई विवादों से जुड़ चुका है पिनाराई विजयन का नाम
यह भी पढ़ें
ई. श्रीधरन ने तय किया भारतीय रेलवे से राजनीति तक का सफर
यह भी पढ़ें