प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी असमवासियों को भारतीय जनता पार्टी और सहयोगी दलों को समर्थन देने के लिए धन्यवाद दिया। बीजेपी ने बंपर जीत तो हासिल कर ली, लेकिन अब भी एक सवाल राजनीतिक गलियारों में गूंज रहा है। ये सवाल है बीजेपी सरकार में मुख्यमंत्री कौन होगा। क्योंकि बीजेपी ने चुनाव में सीएम के नाम की घोषणा नहीं की थी। आइए जानते हैं पार्टी नेता इस सवाल का क्या जवाब दे रहे हैं।
यह भी पढ़ेंः Assam Election Result 2021: असम में बीजेपी ने रचा इतिहास, पहली बार प्रदेश की राजनीति में होगा ये काम
असम में बीजेपी गठबंधन ने एक बार फिर जीत का पहचम लहराया। भाजपा गठबंधन को 75 सीटें मिली हैं, जबकि बहुमत के लिए 64 का आंकड़ा ही चाहिए। लिहाजा सरकार बनाने के लिए बीजेपी गठबंधन तैयार है।
खास बात यह है कि बीजेपी ने अकेले ही 59 सीटों पर जीत दर्ज की है। हालांकि पिछले चुनाव के मुकाबले पार्टी को एक सीट पर नुकसान हुआ है।
असम में बीजेपी गठबंधन ने एक बार फिर जीत का पहचम लहराया। भाजपा गठबंधन को 75 सीटें मिली हैं, जबकि बहुमत के लिए 64 का आंकड़ा ही चाहिए। लिहाजा सरकार बनाने के लिए बीजेपी गठबंधन तैयार है।
खास बात यह है कि बीजेपी ने अकेले ही 59 सीटों पर जीत दर्ज की है। हालांकि पिछले चुनाव के मुकाबले पार्टी को एक सीट पर नुकसान हुआ है।
पिछले चुनाव में बीजेपी ने 60 सीटें जीती थीं। वहीं बीजेपी की सहयोगी पार्टी असम गण परिषद ने 9 सीटें जीती हैं, एजीपी को पिछले चुनाव के मुकाबले 5 सीटों का नुकसान हुआ है, 2016 में एजीपी को 14 सीटें मिलीं थीं।
वहीं यूपीपीएल के खाते में 6 सीटें आई हैं। यूपीपीएल ने पहली बार असम में जीत दर्ज करते हुए 6 सीटें जीती हैं। जबकि पिछले चुनाव में उनके पास एक भी सीट नहीं थी।
वहीं यूपीपीएल के खाते में 6 सीटें आई हैं। यूपीपीएल ने पहली बार असम में जीत दर्ज करते हुए 6 सीटें जीती हैं। जबकि पिछले चुनाव में उनके पास एक भी सीट नहीं थी।
बीजेपी ने शानदार जीत तो दर्ज की है, लेकिन सर्बानंद सोनोवाल ही दोबारा मुख्यमंत्री बनेंगे अभी इसका फैसला नहीं हुआ है। यह भी पढेंः Assam Election Results 2021: बीजेपी के इस दिग्गज ने कांग्रेस प्रत्याशी को दी करारी शिकस्त, लगातार 20 साल से जारी है जीत का सिलसिला
असम में हिमंत बिस्वा सरमा भी लगातार प्रचार के दौरान बड़े चेहरे के तौर पर सामने आए। पार्टी के शीर्ष नेताओं ने भी उन्हें उतना ही महत्व दिया जितना सीएम सर्बानंद सोनोवाल को दिया।
बिस्वा ने इस बार चुनाव में 1 लाख से ज्यादा मतों से जीत भी हासिल की है। लिहाजा उनकी दावेदारी बड़ी है।
हिमंत बिस्वा से जब सीएम को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में उत्तर-पूर्व को विकास की मुख्य धारा में लाने के लिए प्रयास हुए।
हिमंत बिस्वा से जब सीएम को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में उत्तर-पूर्व को विकास की मुख्य धारा में लाने के लिए प्रयास हुए।
विकास का महाकुंभ राज्य और केंद्र सरकार ने चलाया। हमें जो सफलता मिली, विकास की राजनीति का दौर असम में आगे बढ़ाने के लिए लोगों ने जनादेश दिया। मुख्यमंत्री कौन होगा ये पार्टी का शीर्ष नेतृत्व और स्थानी नेता मिलकर करेंगे। साफ जाहिर है हिमंत बिस्वा के मन में भी काफी समय से मुख्यमंत्री बनने का सपना है। उन्होंने चुनाव के दौरान सीट बंटवारे से लेकर प्रचार की रणनीति तक अहम रोल निभाया है।
वहीं असम चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने अगला मुख्यमंत्री कौन होगा इस सवाल के जवाब में गोलमोल ही जवाब दिया। उन्होंने कहा- विधायक दल के नेता का चुनाव लोकतांत्रिक तरीकों से किया जाता है। असम में भी इसी प्रक्रिया का पालन होगा और पार्टी का शीर्ष नेतृत्व जो तय करेगा वही अगला सीएम होगा।
बहरहाल असम में बीजेपी ने विकास को एजेंडा बता कर जीत तो दर्ज कर ली है, लेकिन अगला सीएम कौन होगा ये सवाल कहीं पार्टी में नई गुटबाजी को जन्म ना दे दे। बीजेपी सर्बानंद सोनोवाल को दोबारा मौका देती है या फिर नए चेहरे के साथ अगला कार्यकाल निकालती है, इस सवाल का जवाब आने वाले एक दो दिन में मिल जाएगा। लेकिन बीजेपी के लिए अब चुनौती और ज्यादा बड़ी होगी। विजन डॉक्यूमेंट के वादों को पूरा करना और पूर्वोत्तर में अपने रफ्तार को कायम रखना।