हिंदी की टीचर बनने की राह नहीं थी आसान जब उन्होंने बारहवीं पास की तो दोस्त-यार रिश्तेदार सब पूछने लगे, अब आगे क्या इरादा है? प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करोगी या बीए, एमए। ऐसे तमाम सवाल थे जो पल्लवी के चारों ओर घूमते रहे। कई लोगों की बातें उन्हें बुरी भी लगी लेकिन वे अपना कॅरियर खुद चुनना चाहती थीं। सेल्फ असेसमेंट किया और बीटेक में दाखिला ले लिया, क्योंकि उन्हें पता था अब चार साल तक कोई उससे कोई सवाल नहीं करेगा। फिर बीटेक के साथ वे विदेशियों को हिंदी पढ़ाने का काम करने लगीं।
फिर एक इत्तेफाक ने उनके करियर को नया मोड़ दे दिया। उसकी मुलाकात दिल्ली में ही ऑस्ट्रेलिया के एक छात्र से हुई, जो हिंदी पढऩा चाहता था। बस फिर क्या था पल्लवी के अंदर उस छात्र को हिंदी सिखाने का ऐसा जुनून सवार हुआ कि उसने बीसीए की पढ़ाई के साथ-साथ खुद के मॉड्यूल तैयार कर डाले।
ये वे मॉड्यूल थे, जिनके माध्यम से उन्होंने छात्र को 3 महीने के अंदर हिंदी बोलना सिखा दिया। इसके बाद पल्लवी को एक नई दिशा मिल गई और वे मॉड्यूल्स में निरंतर संशोधन व सुधार करती रहीं और उसी के समानांतर उसके पास कई अन्य देशों के भी छात्र हिंदी सीखने आ गए। आज उनके स्टूडेंट की लिस्ट में जाने-माने लेखक विलियम डेलरिम्पल, बॉलीवुड अभिनेत्री जैकलीन फर्नांडिस, लिसा रे, नटालिया डि लुसिओ और लुसिंडा निकोलस शामिल हैं।
अपना मॉडल तैयार किया हिंदी सिखाने के लिए उन्होंने खुद के मॉड्यूल तैयार किए हैं। जिससे 3 महीने के अंदर हिंदी बोलना सिखा सकती हैं। इस मॉड्यूल के अंतर्गत सीडी पर हिंदी फिल्में दिखाना और वाद-विवाद, होता है। वे मॉड्यूल्स में निरंतर सुधार करती रहती हैं।