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कोहली पर टिकी सीबीआई शक की सुई
जानकारी के अनुसार बुधवार को सीबीआई स्पेशल कोर्ट में सुनवाई में सीबीआई ने जानकारी दी कि आरोपी ने इस बात का खुलासा नहीं किया है कि 100 से ज्यादा शेल कंपनिया शुरू करने और और कंपनियों में फंड घुमानें की असल वजह क्या थी। अब लोन को मंजूरी देने की जांच में सारी शक सुई कंपनी के इंडिपेंडेंट डायरेक्टर जीपी कोहली पर अटक गई है। आपको बता दें कि डीएचएफएल प्रमोटर्स वाधवन बंधु मनीलॉन्ड्रिंग के आरोपियों में शमिल हैं। दोनों पर राणा कपूर के साथ मिलकर यस बैंक में बड़े फ्राड करने का आरोप है। सूत्रों की मानें तो आरोप है कि वाधवन बंधुओं ने यस बैंक से रुपया लेकर 100 ज्यादा शेल कंपनियां बनाई और ताकि मतनी लांड्रिंग के माध्यम से रुपयों को खपाया जा सके।
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कोहली शक की सुई क्यों?
मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि जीपी कोहली को डीएफएचएल प्रमोटर्स द्वारा बनाई जा रही शेल कंपनियों के बारे में जानकारी थी। उन्हें इस बात की भी जानकारी थी कि डीएचएफएल ने जिस डोएट अर्बन वेचंर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को लोन दिया है, उन कंपनियों में राणा कपूर की बेटियां डायरेक्टर हैं। जिसके बाद से जांच एजेंसियों की ओर से डीएचएफएल के डायरेक्टर्स से भी पूछताछ जारी है। सीबीआई ने स्पेशल कोर्ट को इस बारे में बताया कि आरोपियों ने अभी तक यह जानकारी नहीं दी है कि डीयूवीपीएल को 600 करोड़ रुपए के लोन की मंजूरी देने के मामले में जीपी कोहली की भूमिका कितनी भूमिका थी।