पूरा जिला बेसहारा, केवल दो खाद्य निरीक्षक, गरीब के गेहूं में गड़बड़ी का ‘घुन’ कौन बीने

उदयपुर . जिले में राशन सामग्री के वितरण में गड़बड़ी का ‘घुन’ लगा हुआ, जिसे दूर करने में जिला रसद विभाग खुद को लाचार महसूस कर रहा है।

उदयपुर . जिले में राशन सामग्री के वितरण में गड़बड़ी का ‘घुन’ लगा हुआ, जिसे दूर करने में जिला रसद विभाग खुद को लाचार महसूस कर रहा है। जिले में विभिन्न क्षेत्रों से विभाग के पास प्रतिदिन शिकायतें पहुंचती हैं, लेकिन स्टाफ की कमी के चलते शिकायतों के समाधान की माकूल कार्रवाई नहीं हो रही।

राज्य सरकार की ओर से कम आय वर्ग के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना चलाई जा रही है, लेकिन इसमें गड़बडिय़ां थमने का नाम नहीं ले रही हैं। विभाग में राशन सामग्री वितरण के संबंध में कुल 161 शिकायतें दर्ज हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर महज लीपापोती हो रही है।
 

निरीक्षक के 24 में से 22 पद रिक्त
जिले में 22 इंस्पेक्टर के पद रिक्त हैं। वर्तमान में दो इस्पेक्टर ही कार्य कर रहे हैं, एक झाड़ोल में और दूसरा उदयपुर में। रिक्त पदों को कार्यभार नायब तहसीलदारों के पास है। ऐसे में काम प्रभावित तो होता ही है। जो भी ऑनलाइन शिकायत होती है, वे पहले लेवल फस्र्ट यानी नायब तहसीलदारों के पास जाती है।
 

वहां से निर्णय नहीं होने पर लेवल सैकण्ड यानी मेरे पास आती है, तब मैं कार्रवाई करता हूं। अब तक 15 डीलरों को सस्पेंड किया है। छह के लाइसेंस निरस्त किए हैं, जो पुराने मामले बकाया है, उन पर जल्द कार्रवाई करूंगा। कोशिश तो पूरी करते हैं, फिर भी स्टाफ की कमी के कारण कहीं असर पड़ रहा है।
 

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यूं मिलता है राशन
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजनान्?तर्गत प्रतिमाह अन्?त्?योदय परिवारों को 35 किलोग्राम प्रति परिवार तथा अन्?य पात्र लाभार्थियों को 5 किलोग्राम प्रति यूनिट गेहूं 2.00 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से उपलब्?ध करवाने की योजना है। राष्?ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में परिवहन, संग्रहण एवं वितरण व्?यय, राज्?य निधि एवं केन्?द्रीय सहायता के तहत वित्?तीय वर्ष 2016-17 में 41338.26 लाख रुपए का व्?यय हुआ था। वित्?तीय वर्ष 2017-18 में जनवरी 2018 तक 20014.03 लाख रुपए व्?यय हो चुके हैं।
 

ऐसे मिली शिकायतें
वर्ष 2017-18 में अब तक 161 शिकायतें दर्ज हुई हैं, इनमें उदयपुर शहर, सराड़ा, भींडर, कोटड़ा, सेमारी, सलूम्बर, मावली, सायरा, ऋषभदेव, फलासिया, झाड़ोल, गोगुन्दा, गिर्वा, लसाडिय़ा सहित विभिन्न क्षेत्रों से शिकायतें मिली हैं। कार्रवाई के नाम पर शिकायतों के निस्तारण पर जोर दिया जाता है, जबकि गड़बड़ी करने वाले राशन डीलर के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती।
 

ये मिली शिकायतें
– सराड़ा से रामचन्द पटेल ने शिकायत दी थी कि डीलर राशन नहीं देता और कहता है कि उसका स्टॉक खत्म हो चुका है।
-भींडर से मोहम्मद हुसैन ने शिकायत दी कि राशन डीलर बकाया राशन नहीं दे रहा। जब लेने जाए तो कहता है कि पैसे ले लो गेहूं नहीं है।
– कोटड़ा क्षेत्र के एक सरपंच ने शिकायत दी कि लम्बे समय से उनके क्षेत्र का राशन डीलर किसी को राशन नहीं दे रहा।
– उदयपुर शहर से मोहन ने शिकायत दी कि राशन डीलर उसके नाम से खुद राशन उठा रहा है।
– सराड़ा से राजूलाल पटेल ने शिकायत दी कि राशन डीलर लोगों का अंगूठा लगवा देता है और ग्राहक को बोलता है कि आपका अंगूठा मेल नहीं खा रहा है और राशन सामग्री का गबन कर लेता है।
– सेमारी क्षेत्र के लोगों ने राशन डीलर के खिलाफ केरोसिन की काला बाजारी की शिकायत दी।
-मावली से लालू ने शिकायत दी कि उसके नाम का राशन डीलर किसी और को बेच रहा है।
– ऋषभदेव से सोहन ने शिकायत दी कि राशन डीलर कभी रसीद नहीं देते। डीलर कम राशन देकर दो-दो महीनों की एक साथ एन्ट्री कर देता है।
– सराड़ा के अमरपुरा क्षेत्र से किशन ने शिकायत दी कि राशन लेने जाने पर डीलर भगा देता है।
अधिकतर शिकायतें नाम जोडऩे की
शिकायतों के संबंध में जिला रसद अधिकारी बनवारीलाल मीणा ने बताया कि आमतौर पर नाम जुड़वाने या चूक जाने जैसी शिकायतें रहती हैं। बड़ी शिकायतें सीधे पोर्टल पर की जाती हैं। यह प्रयास कर रहे हैं कि इन पर अंकुश लगे।
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