रिपोर्ट में मिली जानकारी
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी के सप्लायर्स और रोजगार सृजन करने की उनकी क्षमता को भी जोड़ लिया जाए तो अर्थव्यवस्था पर इसका अतिरिक्त प्रभाव सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के एक प्रतिशत 1,69,550 करोड़ रुपये के बराबर होगा। रोजगार पैदा करने के संदर्भ में वेदांता अपनी ग्रुप कंपनियों के माध्यम से करीब 10 लाख मानव वर्ष रोजगार सृजित कर रही है।
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IFC ने दी जानकारी
इस तरह वेदांता के कारोबार से इसमें सीधे काम करने वाले एक व्यक्ति के मुकाबले भारत में 17 रोजगार के अवसर पैदा होते हैं। आईएफसी ने 2018 में इसी तरह रिलायंस जियो के दूरसंचार में प्रवेश से अर्थव्यवस्था पर प्रभाव का अध्ययन किया था।
वेदांता का योगदान
आईएफसी की ताजा रिपोर्ट के अनुसार अल्यूमीनियम, जस्ता, तेल-गैस, तांबा और लौह अयस्क क्षेत्र में कारोबार करने वाले वेदांता समूह का रुपये के हिसाब से योगदान 3,74,000 करोड़ रुपये बनता है। कंपनी के कारोबार के चलते भारत 2012 से तांबे का शुद्ध निर्यातक बना हुआ था लेकिन इसके तूतीकोरिन प्लांट के बंद होने से यह स्थिति 2018-19 में बदल गई।
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