अप्रैल में बेरोजगारों की संख्या इजाफा, अप्रैल के महीने में शहरी बेरोजगारी दर 8 फीसदी पर पहुंची

कोविड 19 के केसों में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। जिसकी वजह से राज्यों में सख्ती देखने को मिली है। जिसका असर नौकरियों पर देखने को मिला है।

<p>Unemployment rise in April, urban unemployment rate reached 8 percent</p>

नई दिल्ली। कोविड 19 केसों में इजाफा होने के कारण बेरोजगारी दर में भी इजाफा देखने को मिला है। ग्रामीण इलाकों के मुकाबले शहरों में बेरोजगारी में ज्यादा इजाफा हुआ है। वहीं दूसरी ओर देश के कुछ राज्यों में लॉकडाउन लगने की संभावना से इसमें और भी इजाफा देखने को मिल सकता है। जानकारों की मानें तो कोविड के माहौल में ई-कॉमर्स सेक्टर की डिमांड में इजाफा होने के कारण नौकरियां पैदा हो सकती हैं। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर सीएमआईई की ओर से किस तरह से आंकड़े पेश किए गए हैं।

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सीएमआईई की ओर से जारी हुई रिपोर्ट
– अप्रैल में अब तक बेरोजगारी दर 7.1 फीसदी से ऊपर पर पहुंच गई है।
– मार्च में देश की बेरोजगारी दर 6.52 फीसदी थी।
– अप्रैल में शहरी क्षेत्रों की बेरोजगारी दर आठ फीसदी के स्तर पर पहुंच गई।
– मार्च में शहरों में बेरोजगारी दर 7.84 फीसद थी।
– ग्रामीण इलाके की बेरोजगारी दर अप्रैल में अब तक 6.7 फीसदी है।
– मार्च में यह ग्रामीण इलाके की बेरोजगारी दर 6.18 फीसद थी।

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क्या कहते हैं जानकार
जानकारों की मानें तो कोविड 19 की दूसरी लहर का प्रभाव शहरी रोजगार पर मार्च से ही देखने को मिल रहा है। जिसकी वजह से महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के शहरों में आंशिक लॉकडाउन या नाइट कफ्र्यू लगा दिया गया। दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों में मॉल, रेस्टोरेंट, बार जैसी सार्वजनिक जगहों पर कोरोना नियमों के अनुपालन में सख्ती से शहरी रोजगार में और कमी देखने को मिली है और आने वाले दिनों में और परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। कई राज्यों में कोरोना की औचक जांच के साथ कोरोना निगेटिव सर्टिफिकेट के साथ प्रवेश के नियम की वजह से पर्यटन क्षेत्र के रोजगार में भी कमी आने की संभावना है। ग्रामीण इलाके में रबी की फसल अच्छी होने व मनरेगा में लगातार काम मिलने से शहर के मुकाबले बेरोजगारी का स्तर कम है।

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