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50 फीसदी रेवेन्यू हुआ कम
एसोसिएशन ने एक बयान में कहा कि स्थानीय प्रतिबंध, कुछ राज्यों में मॉल के बंद होने, वीकेंड कफ्र्यू ने संगठित खुदरा कारोबार, वसूली और रोजगार को प्रभावित किया है। प्री-कोविड के दिनों में औसतन उद्योग प्रति माह 15,000 करोड़ रुपए कमा रहा था और मार्च 2021 के मध्य में कारोबार ने यह लेवल दोबारा छू लिया था, लेकिन स्थानीय प्रतिबंधों के कारण एक बार फिर से कारोबार का 50 फीसदी रेवेन्यू कम हो गया। एससीएआई के अनुसार, भारत भर के मॉलों ने अपने कारोबार का लगभग 90 फीसदी और अपने 75 फीसदी फुटफॉल को दोबारा छू लिया था, लेकिन स्थानीय प्रतिबंधों के कारण फिर से बहुत कम हो गया।
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मॉल में कराया जाए टीकाकरण
एसोसिएशन ने कहा कि एक व्यापक टीकाकरण अभियान को चलाने के तहत सरकार के प्रयास को पूरा करने के लिए राज्य सरकारों से मॉल में टीकाकरण शिविर आयोजित करने के लिए भी संपर्क किया है। उद्योग निकाय ने कहा कि मॉल कर्मचारियों को फ्रंटलाइन वर्कर्स के रूप माना जाए और उनकी उम्र की परवाह किए बिना प्राथमिकता पर टीका लगाया जाए चाहिए।
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कई राज्यों में कर्फ्यू
महाराष्ट्र में कोविड 19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर, राज्य सरकार ने पिछले बुधवार से 15 दिनों का कफ्र्यू घोषित किया था, जिसमें सार्वजनिक गतिविधियों पर सख्त अंकुश लगाया गया था, लेकिन पूर्ण पैमाने पर तालाबंदी की घोषणा करने से रोक दिया गया था। वहीं दिल्ली सहित कई अन्य राज्यों ने ष्टह्रङ्कढ्ढष्ठ-19 के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए सप्ताहांत और रात के कफ्र्यू की घोषणा की थी। वहीं आज दिल्ली सरकार ने एक हफ्ते का कफ्र्यू और लगा दिया गया है।