इतना हुआ खुदरा महंगाई में इजाफा
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के तहत आने वाले राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा महंगाई दर जून में 6.23 फीसदी थी, जो जुलाई में बढ़कर 6.93 फीसदी हो गई। उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) आधारित खाद्य पदार्थों की खुदरा महंगाई दर जुलाई में 9.62 फीसदी दर्ज की गई जोकि जून में 8.72 फीसदी थी।
आरबीआई ने रखा था यह टारगेट
कोरोना काल में खुदरा महंगाई दर में हुई वृद्धि के बाद यह जुलाई में लगातार दूसरे महीने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के संतोषजनक महंगाई दर के लक्ष्य के उपरी स्तर के पार चली गई है। आरबीआई का यह लक्ष्य चार फीसदी से दो फीसदी से उपर या नीचे है। एनएसओ के अनुसार, कोरोना महामारी की रोकथाम को लेकर लगाए गए प्रतिबंधों में धीरे-धीरे ढील देने के बाद आर्थिक गतिविधियों में सुधार के साथ-साथ कीमत के आंकड़ों में भी वृद्धि दर्ज की गई।
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शहरी और ग्रामीण इलाकों में इजाफा
खुदरा महंगाई दर में इजाफा शहरी और ग्रामीण इलाकों दोनों जगहों में बराबर बढ़ोतरी देखने को मिली है। पहले बात शहरी क्षेत्र की बात करें तो खुदरा महंगाई दर जुलाई में बढ़कर 6.84 फीसदी हो गई है। जबकि जून में यह आंकड़ा 6.12 फीसदी था। वहीं दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्र की महंगाई दर जुलाई में 7.04 फीसदी हो गई है। जबकि जून में महंगाई दर 6.34 फीसदी थी। जानकारों की मानें तो अगस्त और सितंबर के महीने में यह आंकड़ा 9 फीसदी तक पहुंच सकता है।
आरबीआई गवर्नर ने दे दिए थे संकेत
इन आंकड़ों के आने से पहले एमपीसी की बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने पहले ही महंगाई बढऩे के संकेत दे दिए थे। आरबीआई गवर्नर की ओर से कहा गया था कि आने वाले दिनों में महंगाई में इजाफा देखने को मिल सकता है। दूसरी तिमाही में यानी सितंबर तक महंगाई दर में 9 फीसदी तक की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। जबकि महंगाई दर में आरबीआई ने 4 फीसदी से दो फीसदी उपर और दो फीसदी से नीचे रह सकती है।