राहत: खाद्य पदार्थों की कीमतों में कमी से खुदरा महंगाई दर घटी

केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय पिछले साल के मुकाबले इस बार थोक महंगाई दर ज्यादा रही है।

<p>राहत: खाद्य पदार्थों की कीमतों में कमी से खुदरा महंगाई दर घटी</p>
नई दिल्ली। खाद्य पदार्थो की कीमतों में कमी से देश की खुदरा मुद्रास्फीति दर अगस्त में 3.69 फीसदी रही, जबकि जुलाई में यह 4.17 फीसदी थी। आधिकारिक आंकड़ों से बुधवार को यह जानकारी मिली। हालांकि, साल-दर-साल आधार पर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) इस साल अगस्त में पिछले साल के इसी महीने की तुलना में अधिक रहा। पिछले साल अगस्त में यह 3.28 फीसदी पर था। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त में उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) 0.29 फीसदी बढ़कर 1.30 पर रहा है। आपको बता दें कि खुदर मुद्रास्फीति दर को खुदरा महंगाई दर भी कहा जाता है।
जुलाई में थोक महंगाई दर में भी गिरावट रही थी

अगस्त माह में खुदरा महंगाई दर से जहां सरकार को राहत की सांस मिली है, वहीं आने वाले समय में थोक महंगाई दर भी सरकार को राहत दे सकती है। इसका कारण यह है कि पिछले माह जुलाई में भी थोक महंगाई दर में गिरावट दर्ज की गई थी। जुलाई में थोक महंगाई दर घटकर 5.09 फीसदी पर आ गई थी। जबकि इससे पहले जून में यह 5.77 फीसदी थी। बीते माह जुलाई में थोक महंगाई दर में गिरावट का मुख्य कारण भी सब्जियों समेत खाद्य पदार्थों में रही गिरावट थी।
रुपए की गिरावट बनी है सरकार की चिंता

खुदरा महंगाई दर के अगस्त माह के आंकड़ों ने जहां सरकार में जान फूंक दी है, वहीं सितंबर में रुपए में हो रही लगातार गिरावट आने वाले दिनों में सरकार के लिए बड़ी मुसीबत बन सकती है। रुपए में हो रही गिरावट से लगातार पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी हो रही है, उससे महंगाई बढ़ने की आशंका बनी हुई है। यदि रुपए की यह गिरावट जल्द नहीं थमती है तो इसका असर आम आदमी से जुड़ी रोजमर्रा की वस्तुओं पर दिखने लगेगा। यदि एेसा होता है तो आने वाले महीनों में खुदरा और थोक महंगाई दर में बढ़ोतरी हो सकती है।
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