रुपए में गिरावट के ये हैं मुख्य कारण
1. डाॅलर के मुकाबले रुपए में कमजोरी के कर्इ प्रमुख कारण हैं। पहला तो ये की पिछले कुछ समय से अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल के दाम में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रहा है। माैजूदा समय में करीब 80 फीसदी पेट्रालियम प्रोडक्ट्स भारत में आयात होता है। एेसे में रुपए की कमजोरी से देश की तेल कंपनियों पर करीब 8000 करोड़ रुपए का बोझ बढ़ जाएगा। वहीं डीजल की कीमतों में इजाफे से माल ढुलार्इ पर होने वाला लागत बढ़ेगा जिसके चलते महंगार्इ में भी बढ़ेगी।
2. दूसरा असर ये होगा कि भारत के आयात बिल आैर राजकोषिय स्थिति पर मार पड़ेगी क्योंकि भारत कच्चे तेल के बड़े आयातकों में से एक है। इसके साथ ही माैजूदा समय में भारत में निर्यात के अपेक्षा आयात में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। हाल ही में रेेटिंग एजेंसी ICRA के एक रिपोर्ट में जानकारी मिली थी की साल 2017 के मुकाबले भारत का करेंट डेफिसिट अकाउंट 15.1 अरब डाॅलर से बढ़कर 46-48 अरब डाॅलर हो गया है।
3. अमरीकी बाजार का असर काफी हद तक भारतीय शेयर बाजार में भी देखने को मिलता रहता है। अमरीकी बाॅन्ड में होने वाले गिरावट भी भारतीय रुपए में कमजोरी का एक मुख्य कारण है। माैजूदा समय में भारतीय बाजार को लेकर विदेशी निवेशकों में असमंजस की स्थिति देखने को मिल रही है। निवेशकों इस स्थिति का असर रुपए पर भी दिखार्इ दे रहा है।
बाजार पर क्या होगा असर
1. रुपए में कमजोरी से भारतीय कंपनियों पर बुरा असर देखने को मिलेगा। खासकर उन कंपनियों को जिनपर फाॅरेन करेंसी डेब्ट है। इसके साथ ही देश में आयात पर होने वाले लागत में भी बढ़ोतरी होगा जिसका नुकसान आयातकों को उठाना पड़ सकता है। लेटर आॅफ अंडरेटेकिं के बैन होने से पहले ही आयात की स्थिति में कमजोरी देखने को मिल रहा है।
2. भारत बड़े पैमाने पर दूसरे देशों से खाद्य तेल एंव दाल का आयात करता है। अब रुपए में गिरावट के बाद आयातित खाद्य तेल आैर दाल की कीमतों में उछाल आएगा।
3. इसके साथ उन अभिभावकों को मार झेलनी जिनके बच्चे विदेशों में पढ़ रहे हैं क्योंकि इन देशों के करेंसी के मुकाबले अब अभिभावकों को ज्यादा रुपए खर्च करने पड़ेंगे। देश में कर्इ जरूरी दवाइयां विदेशों से आयात की जाती है । रुपए में गिरावट से अब इन दवाआें के लिए ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेंगे। विदेशी यात्राआें के लिए भी अब आपको पहले से अधिक खर्च करना पड़ेगा।
रुपए में गिरावट से ये होंगे फायदे
हालांकि रुपए में गिरावट का फायद भी देखने को मिलगा लेकिन तुलनात्मक दृष्टिकोण से देखें तो होने वाले नुकसान के अपेक्षा ये कम होगा। इससे निर्यातकों काे फायदा हो सकता है, खासकार आइटी, फार्मा, टेक्सटाइल, डायमंड, जेम्स एंड ज्वेलरी सेक्टर में इसका साकारात्मक असर देखने को मिल सकता है।