दरअसल एकबार एलओयू मिलने के बाद निवेशक देश से लेकर विदेश तक बैंक की शाखाओं से निवेश के नाम पर कर्ज ले सकता है. पिछले दिनों हुए 11 हजार करोड़ का पीएनबी घोटाला एलओयू के जरिए ही अंजाम दिया गया था. पीएनबी के कुछ कर्मचारियों पर आरोप है कि उन्होंने नीरव मोदी की कंपनियों को फ़र्ज़ी तरीके से एलओयू जारी कर दिया था. इसी के बाद आरबीआई ने सख्ती दिखाते हुए सभी बैंको से एलओयू का ब्योरा मांगा है. सभी बैंकों को अपने लेनदारों का ब्योरा आरबीआई को देना होगा.
इसके अलावे आरबीआई ने बैंको को 30 अप्रैल तक स्विफ्ट सिस्टम को कोर बैंकिंग सिस्टम से जोड़ने का भी निर्देश दिया है. कोर बैंकिंग से जुड़ने के बाद राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सभी बैंको से जारी किया गया संदेश या बैंको से जारी किया गया लोन या किसी भी प्रकार की राशि कोर बैंकिंग प्रणाली जुड़ जताी है. मौजूदा समय में सभी बैंकों का कोर बैंकिंग प्रणाली से नहीं जुड़े होने के कारण अनियमिताओं को बैकों द्वारा अंजाम दिया जा रहा है या होने वाली गड़बड़ियों को छिपा लिया जा रहा है.
जब पानी सिर से उपर बहने लगे तो व्यवस्था को सही करने की दिशा में हम लग जाते हैं. लगातार बैंको का डिफॉल्टर लिस्ट बढ़ता जा रहा है, पूंजीपति क़र्ज़ लेकर देश से भाग रहें हैं, बैंक की आर्थिक स्थिति चरमराई हुई है इसके बाद आरबाीआई जाग गई है. खै़र, देर हो दुरुस्त हो!