अभी भी नहीं मिलेगा सस्ता कर्ज, आरबीआर्इ ने नहीं बदली ब्याज दर

इस बार के बैठक में अारबीआर्इ ने रेपो रेट को 6.25 फीसदी पर आैर रिवर्स रेपो रेट को 5.75 फीसदी पर बरकरार रखा है।

नर्इ दिल्ली। नए वित्त वर्ष में आरबीआर्इ की होने वाली दो दिवसीय बैठक अब खत्म हो गर्इ है। इस बार के बैठक में रेपो रेट को अारबीआर्इ ने 6.25 फीसदी पर आैर रिवर्स रेपो रेट को 5.75 फीसदी पर बरकरार रखा है। हालांकि इस बैठक में भाग लेने वाले एक सदस्य माइकल पात्रा ने 0.25 फीसदी रेट बढ़ाने के सुझाव दिया, लेकिन बाकी के 5 सदस्यों ने पाॅलिसी रेट मे बदलाव नहीं करने की सहमति जतार्इ। तमाम आर्थिक जानकार भी इस बैठक से पहले तमाम आर्थिक विशेषज्ञों ने कयास लगा रहे थे कि आरबीआर्इ इस बार अपने ब्याज दरों में कोर्इ बदलाव नहीं करगी। इसके लिए उन्होंने कर्इ तरह के कारण भी गिनाए थे। आपको बता दें कि अभी कुछ दिन पहले ही अमरीकी फेडरल रिजर्व ने भी अपने ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया था।

आरबीआर्इ के इस फैसले के साथ ही इस बार भी होम लोन पर ब्याज घटने की उम्मीदों पर पानी फिर गया हैं। कैश रिजर्व रेशियो (सीआरआर) आैर स्टेच्यूटरी लिक्विडीटी रेशियो(एसएलआर) में भी कोर्इ बदलाव नहीं किया है। ये अभी भी क्रमश: 4 फीसदी आैर 19.5 फीसदी पर बरकरार रखा है। वित्त वर्ष 2017-18 में जीडीपी ग्रोथ रेट के 6.6 फीसदी के मुकबाले वित्त वर्ष 2018-19 में 7.4 फीसदी तक बढ़ने की उम्मीद लगार्इ जा रही है।
 

क्या हुआ था पिछली बैठक में

रिजर्व बैंक की माॅनेटरी पाॅलिसी कमिटी न (एमपीसी) ने 5-6 दिसंबर को हुए अपने पिछले वित्त वर्ष (2017-18) के अंतिम बैठक में बढ़ती महंगार्इ का हवाला देते हुए नीतिगत ब्याज दरों में कोर्इ भी बदलाव नहीं किया था। इस बैठक में आरबीआर्इ ने रेपो रेट को 6 फीसदी पर आैर रिवर्स रेपो रेट को 5.75 फीसदी पर बरकरार रखा था।


डीजिटल करेंसीज को नही मिलेगी कोर्इ मान्यता

आरबीआर्इ ने इस बात को भी साफ कर दिया है कि, बिटकाॅइन या किसी अन्य वर्चुअल करेंसी के मामले में आरबीआर्इ से रेग्युलेटेड कोर्इ भी एजेंसी किसी तरह की कोर्इ भी सर्विस नहीं देगी। इससे एक बात तो साफ हो गर्इ है कि अब देश में किसी भी तरह के डीजिटल करेंसी को मान्यता मिलने की गुंजाइश नहीं है।

 

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