जरूरत पड़ने पर फिर हो सकती है नोटबंदी- राजीव कुमार
8 नवंबर 2016 से पहले सर्कुलेशन में 15.41 लाख करोड़ रुपये 500 और 1,000 के नोटों के रूप में थे, जबकि इनमें से 15.31 लाख करोड़ वापस आ गए हैं। इसका मतलब है कि 99.3 फीसदी नोट वापस आ गए हैं। इस मामले में सरकार के नोटबंदी के फैसले के बचाव में नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने इसे एक जरुरी कदम बताया। नोटबंदी की वजह से किसी भी आर्थिक मंदी की बात को राजीव कुमार ने सिरे से नकार दिया है। एक टीवी चैनल से खास बातचीत में राजीव कुमार ने कहा कि नोटबंदी समाज की सफ़ाई के लिए थी और अगर ज़रूरत पड़ी तो वो फिर नोटबंदी लाएंगे।
नोटबंदी को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर उठाए सवाल
पिछली सरकार के दौरान जब NPA यानी नॉन परफॉर्मिंग एसेट (फंसा कर्ज) बढ़ रही थी तब रघुराम राजन ने नीतियों में बदलाव कर दिया जिसकी वजह से बैंकिंग सेक्टर ने इंडस्ट्रीज को लोन देना बंद कर दिया। वहीं रिज़र्व बैंक की वार्षिक रिपोर्ट में नोटबंदी क लेकर आये आंकड़ों के आधार पर कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरा। कांग्रेस ने सवाल उठाया कि जब 90 फीसदी पैसा वापस आ गया तो नोटबंदी का फायदा क्या हुआ। पीएम मोदी ने कहा था कि नोटबंदी की मदद से सिस्टम से काला धन बाहर हो जाएगा लेकिन अब साफ है कि नोटबंदी फेल साबित हुई है।