अब देश में 5,500 पेट्रोल पंप खोलने की तैयारी में मुकेश अंबानी, बीपी के साथ किया समझौता

मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी आरआईएल देश में 5500 पेट्रोल पंप खोलेगी
आरआईएल ने बीपी पीएलसी के साथ साझेदारी की है

नई दिल्ली। देश की जनता को फ्री में डाटा उपलब्ध कराने के बाद मुकेश अंबानी अब कम दामों पर पेट्रोल बेचने की तैयारी कर रहे हैं। मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) ने ब्रिटेन की कंपनी बीपी पीएलसी के साथ मिलकर देश भर में 5500 पेट्रोल पम्प चलाने का निर्णय लिया है। आने वाले 5 सालों में दोनों कंपनियां मिलकर भारत में पेट्रोल पंप खोलेंगी। दोनों कंपनियां ज्वाइंट वेंचर में इस बिजनेस की शुरुआत करेंगी।


बढ़ेगा ईंधन कारोबार

आपको बता दें कि पेट्रोल पम्प खोलने के अलावा विमानों के ईंधन ( ATF ) सप्लाई भी इस कारोबार में की जाएगी। इस फैसले पर कंपनी ने बयान जारी करते हुए कहा कि आने वाले 20 सालों में भारत में ईंधन बाजार तेजी से बढ़ेगा। इसके साथ ही यात्री कारों की संख्या में भी लगभग 6 गुना तक की बढ़ोतरी होगी।


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51 फीसदी होगी रिलायंस की हिस्सेदारी

आरआईएल और बीपी का उपक्रम देश में 1,400 से अधिक साइटों पर आरआईएल के वर्तमान ईंधन रिटेलिंग नेटवर्क को शामिल और निर्माण करेगा, जिसका लक्ष्य अगले पांच वर्षों में 5,500 साइटों तक तेजी से विकास करना है। रिलायंस की तरफ से चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर मुकेश अंबानी और बीपी की तफ से उसके ग्रुप सीईओ बॉब डुडले ने इस बारे में हुए एक एग्रीमेंट पर मंगलवार को दस्तखत किए हैं। दोनों कंपनियों के बीच व्यापार करने का समझौता हो गया है। इस जॉइंट वेंचर में रिलायंस की हिस्सेदारी 51 फीसदी और बीपी की हिस्सेदारी 49 फीसदी है।

खोले जाएंगे 5500 पेट्रोल पंप

बता दें कि इस समय भारत में रिलायंस के पास लगभग 1400 पेट्रोल पंप है। इस हिस्सेदारी को आगे बढ़ाते हुए दोनों कंपनियां देश में लगभग 5500 पेट्रोल पंप खोलेंगी। इसके अलावा रिलायंस के पास इस समय 30 हवाई अड्डों पर एविएशन फ्यूल उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी है।


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2011 से साथ में कारोबार

2011 में बीपी ने आरआईएल द्वारा संचालित भारत में कई तेल और गैस ब्लॉकों में 30% हिस्सेदारी ली, जिसमें केजी डी 6 ब्लॉक भी शामिल था। ये दोनों कंपनियां साल 2011 से एक साथ कारोबार कर रहीं हैं और अब यह पेट्रोल पंप खोलकर एक बार फिर साथ में कारोबार करती हुए नजर आई। 2011 में इस साझेदारी के गठन के बाद से, दोनों कंपनियों ने अब तक गहरे पानी की खोज और उत्पादन में 2 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश किया है।

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