एक मीडिया हाउस से बात करते हुए Mark ने ये बात कही लेकिन इसके साथ ही उन्होने कहा कि इसमें संदेह नहीं कि भारत समेत पूरे विश्व पर मंदी का असर होगा लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि हम उम्मीद ही छोड़ दें । अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होने कहा कि सरकारें ऐसे वक्त में भी बहुत कुछ कर सकती है ।
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भारत के लिए है बड़ा मौका-
हालांकि मार्क ने स्पष्ट शब्दों में मंदी की बात कही लेकिन इसके साथ ही उन्होने इसे भारत के लिए मौके की तरह बताया। मार्क का कहना है कि कोरोनावायरस के बाद हम सभी जान चुके हैं कि सप्लाई किसी भी अर्थव्यवस्था के लिए कितनी महत्वपूर्ण हो सकती है। ऐसे में भारत को ऑउटसोर्सिंग पर फोकस करना चाहिए लेकिन यहां ध्यान रहे सप्लाई सेंटर बनने के लिए भारत को कुछ चीजों के आयात को भी मंजूरी देनी होगी और ऐसे में टैरिफ रेट बढ़ना लाजमी होगा।
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भारतीय अर्थव्यवस्था को नहीं होगा ज्यादा नुकसान- शेयरबाजार के धड़ाम होने से हालांकि चंद घंटों में कई लाख करोड़ स्वाहा हो चुके हैं लेकिन फिर भी उन्होने कहा कि शेयर मार्केट की वजह से भारत पर अमेरिका और बाकी पश्चिमी देशों की तुलना में कम असर पड़ेगा क्योंकि यहां के लोग शेयर मार्केट में इतना निवेश नहीं करते हैं इसके साथ ही सोने के प्रति भारतीयों का लगाव भी उन्हें हालात से निपटने में सहायक होगा।