GST आैर नोटबंदी के बाद आैपचारिक हुर्इ भारतीय अर्थव्यवस्था: जेटली

नोटबंदी और जीएसटी के असर से अर्थव्यवस्था उच्चस्तर पर पहुंची है आैर पहले से अधिक आैपचारिक हुई हैः जेटली

नर्इ दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा कि नोटबंदी और वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) से अर्थव्यवस्था को उच्चस्तर का आैपचारिक (फॉरमलाइजेशन) बनाया है, जिससे प्रत्यक्ष कर राजस्व बढ़ा है और आयकर रिटर्न फाइलिंग में भी तेज बढ़ोतरी हुई है। जेटली ने ट्वीट कर कहा, “नोटबंदी और जीएसटी के असर से अर्थव्यवस्था उच्चस्तर पर पहुंची है आैर पहले से अधिक आैपचारिक हुई है। वित्त वर्ष 2016-17 के मुकाबले वित्त वर्ष 2017-18 में एक करोड़ से ज्यादा करदाताओं ने आयकर रिटर्न दाखिल किया है।”


रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या बढ़ी

वित्त मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2017-18 में कुल 6.84 करोड़ रिटर्न दाखिल हुए, जबकि पिछले वित्त वर्ष में रिटर्न दाखिल करनेवालों की संख्या 5.43 करोड़ थी। इस वित्त वर्ष में रिटर्न दाखिल करने वाले की संख्या में 26 फीसदी का इजाफा हुआ है। जेटली ने कहा, “वित्त वर्ष 2017-18 में प्रत्यक्ष कर संग्रहण 10,02,607 करोड़ रुपये रहा है, जो पिछले वित्त वर्ष से 18 फीसदी अधिक है।” उन्होंने कहा, “आंकड़ों में कर विभाग की दक्षता और ईमानदार करदाताओं की संख्या में वृद्धि का पता चलता है। यह ऐतिहासिक राजस्व प्राप्ति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तहत जवाबदेह शासन की पुष्टि करती है।”


बजट अनुमान से डेढ़ फीसदी बढ़ा कर संग्रह

आपको बता दें कि वित्त वर्ष 2017-18 में प्रत्यक्ष कर संग्रह बजट का अनुमान 9.80 लाख करोड़ रुपए के आंकड़े को पार कर 9.95 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। दो दिन पहले वित्त राजस्व सचिव हसमुख अधिया आैर केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के प्रमुख सुशील चंद्रा ने संवाददाताआें को जानकारी देते हुए बताया कि, वित्त वर्ष 2017-18 में पिछले वित्त वर्ष की तुलना में कर संग्रह 17.1 फीसदी बढ़ गया हैं। ये बजट अनुमान से 1.5 फीसदी अधिक है। उन्होंने आगे बताया कि, शुद्ध कंपनी आय कर (सीआर्इटी) में 17.1फीसदी आैर प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) सहित व्यक्तिगत आयकर में 18.9 फीसदी की बढ़ोतरी हुर्इ है।

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