डूबते लोन के मामले में पूरी दुनिया में दूसरे नंबर पर भारत, मोदी सरकार को बड़ा झटका

आर्इएमएफ के आंकड़ों पर नजर डालें तो डूबते कर्ज के मामले में दुनिया की दस अर्थव्यवस्थाआें में भारत का दूसरा स्थान है।

<p>डूबते लोन के मामले में पूरी दुनिया में दूसरे नंबर पर भारत, मोदी सरकार को बड़ा झटका</p>

नर्इ दिल्ली। देश के केंद्रीय मंत्री आैर बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने गुरुवार को कहा था कि देश 2019 में अर्थव्यवस्था ब्रिटेन को पीछे छोड़ देगी, लेकिन उन्होंने इस टिप्पणी को करने से पहले आर्इएमएफ की यह रिपोर्ट देखना भूल गए। आर्इएमएफ की रिपोर्ट में सामने आया है आया है कि डूबते लोन के मामले में पूरी दुनिया में भारत दूसरे नंबर पर अा गया है। उससे पहले सिर्फ इटली का स्थान है। आइए आपको भी बताते हैं पूरी रिपोर्ट…

एनपीए पर सरकार की नाकामी
सरकार आैर रिजर्व बैंक कोशिशों के बाद डूबते लोन का पीछा सरकार को नहीं छोड़ नहीं है। आर्इएमएफ के आंकड़े साफ बयां कर रहे हैं कि देश का बढ़ता कर्ज आखिर भारतीय इकोनाॅमी को किस दिशा में लेकर जा रहा है। माल्या, नीरव मोदी समेत कर्इ अरबपतियों से बैंक आज भी रुपया वसूलने में नाकाम हैं। जिससे इंडियन इकोनाॅमी खासी प्रभावित हुर्इ है। एेसे में आर्इएमएफ की रिपोर्ट सरकार की नींद उड़ाने के लिए काफी है।

दुनिया में भारत की स्थिति सबसे खराब
अगर डूबते कर्ज के मामले में भारत की स्थिति देखें तो आर्इएमएफ की रिपोर्ट साफ-साफ बयां कर रही है। आर्इएमएफ के आंकड़ों पर नजर डालें तो डूबते कर्ज के मामले में दुनिया की दस अर्थव्यवस्थाआें में भारत का दूसरा स्थान है। यानि दुनिया में डूबते कर्ज के मामले में भारत का हिस्सा 11.6 फीसदी है। जबकि भारत से आगे इटली है। उसका हिस्सा 14.4 फीसदी है। उसके बाद ब्राजिल (3.6 फीसदी) आैर फ्रांस (3.1 फीसदी) है। इस लिस्ट में नीचे पायदान पर कनाडा (0.5 फीसदी) आैर ब्रिटेन (0.8 फीसदी) हैं।

डूबते कर्ज के मामले में 10 देशों की स्थिति

रैंकदेशडूबते कर्ज का अनुपान (फीसदी में)
1.इटली14.4
2.भारत11.6
3.ब्राजिल3.6
4.फ्रांस3.1
5.चीन1.7
6.जर्मनी1.7
7.जापान1.2
8.यूएस1.1
9.यूके0.8
10.कनाडा0.5


भारत में इन बैंकों पर है सबसे ज्यादा एनपीए

देश के 38 सूचीबद्ध कमर्शियल बैंकों का एनपीए 8.41 लाख करोड़ से ज्यादा हो चुका है। इनमें से 90 फीसदी सरकारी बैंकों में है, जो पूरी बैंकिंग व्यवस्था के 70 फीसदी संपत्ति का प्रतिनिधित्व करते हैं। केंद्रीय बैंक के अधिकारियों और आर्थिक विशेषज्ञों की मानें तो समय रहते कोई उपाय नहीं किया गया तो यह आंकड़ा 20 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है। सरकारी बैंकों में सबसे ज्यादा एनपीए एसबीआई का है। यह 2 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो चुका है। पीएनबी 55,000 करोड़ रुपए के साथ दूसरे नंबर पर, बैंक आफ इंडिया 46,000 करोड़ रुपए के साथ तीसरे स्थान पर, आईडीबीआई बैंक 43000 करोड़ रुपए के साथ चौथे नंबर पर है। गैर-सरकारी बैंकों में आईसीआईसीआई बैंक 43,000 करोड़ रुपए एनपीए के साथ पहले नंबर पर, एक्सिस बैंक 20,000 करोड़ रुपए के साथ दूसरे तथा एचडीएफसी बैंक 7000 करोड़ रुपए के साथ तीसरे नंबर पर है।

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