रफ्तार पकड़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था, घटेगा चीन का ग्रोथ रेट : IMF

IMF ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था अब अपनी रफ्तार पकड़ेगा। भारत में नोटबंदी आैर जीएसटी जैसे दो झटकों की मार अब खत्म हो रहा है।

नर्इ दिल्ली। अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था अब अपनी रफ्तार पकड़ेगा। भारत में नोटबंदी आैर जीएसटी जैसे दो झटकों की मार अब खत्म हो रहा है। आइएमएफ ने ये भी कहा कि, इस साल चीन की अर्थव्यवस्था में गिरावट देखने को मिलेगा। ये बाद आइएमएफ ने अगले सप्ताह अर्जेंटीना में आयोजित होने वाली जी-20 की वित्त् मंत्रियों की बैठक से पहले अपने जी-20 निगरानी नोट “वैश्विक संभावनाएं आैर नीतिगत चुनौतियां” में कहा। आइएमएफ ने इस नोट में इस बात का भी अनुमान लगाया कि वैश्विक ग्रोथ रेट वापस कमजोरी के तरफ रुख कर सकता है।


तीसरी तिमाही में चालू खाता बढ़कर 13.5 अरब अमेरिकी डॉलर

इसी दौरान आरबीआइ ने शुक्रवार को जारी के आंकड़े में कहा है कि, पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले समीक्षाधीन तिमाही में चालू खाते का घाटा आठ अरब डॉलर यानी जीडीपी का 1.4 फीसदी बढ़ गया है। आरबीआई के मुताबिक, वित्त वर्ष 2017-18 की तीसरी तिमाही में सीएडी 13.5 अरब डॉलर है जोकि जीडीपी का दो फीसदी है और दूसरी तिमाही से 7.2 अरब डॉलर यानी जीडीपी का 1.1 फीसदी बढ़ गया है। आरबीआई ने कहा, “निर्यात के मुकाबले आयात में अधिक होने के कारण व्यापार घाटा पिछले साल के मुकाबले 44.1 अरब डॉलर) बढ़ जाने से सीएडी में इजाफा हुआ है।”


चीन के अर्थव्यवस्था में आएगा गिरावट

अभी हाल ही में अमरिका के टैक्स बदलाव आैर उंचे संघीय वित्तीय खर्च आैर बेहतर बाहरी मांग के चलते उसकी अर्थव्यवस्था में ऊंची मांग का अनुमान लगाया जा सकता हैं। अाइएमएफ ने कहा कि अभी उभरती अर्थव्यव्स्थाआें के लिए स्थिती थोड़ी विषम दिखार्इ दे रही है। इस नोट के दौरान चीन के बारे में बाेलते हुए आइएमएफ ने कहा कि, “चीन में राजकोषीय प्रोत्साहन उपायों की संभावित वापसी और कर्ज मांग के कमजोर पड़ने को देखते हुए चीन में आर्थिक वृद्धि के धीरे-धीरे कमजोर पड़ने की संभावना है, जबकि नोटबंदी और जीएसटी क्रियान्वयन जैसे दो महत्वपूर्ण झटकों के बाद भारत की आर्थिक वृद्धि में तेजी का रुख दिखाई देता है।”


ब्राजील आैर रूस के अर्थव्यवस्था भी होगा मजबूत

आइएमएफ का कहना है कि, यूरोपीय क्षेत्र में मजबूत निर्यात के मांग के बीच आर्थिक गतिविधाियां थोड़ी सुस्त रहेंगी लेकिन ब्राजील आैर रूस की अर्थव्यवस्था में सुधार हो सकता है।इन दोनो अर्थव्यवस्थाआें के अभी मजबूत होने का अनुमान है। वहीं पश्चिम एशिया आैर सब-सहारा अफ्रीकी क्षेत्राें में प्रतिकूल परिस्थितियों के चलते वृद्धि में नरमी रह सकती है।

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