China से India में आने वाले इन सामानों को मिली Import में छूट, देखिये कंपनियों की लिस्ट

डेल, एचपी, एप्पल, सिस्को और सैमसंग जैसी कंपनियों को राहतसरकार ने दिल्ली और चेन्नई में इन फर्मों के आयात की सहमति दी

<p>Import exemption of these goods coming from China to India, see list</p>

नई दिल्ली। जहां एक ओर भारत और चीन के बीच बड़ी तनातनी देखने को मिल रही है। एलएसी विवाद को लेकर भारत ने चीनी एप्स प पबंदी लगाने अलावा आयात होने वाले उत्पादों के बैन करने के साथ आयात शुल्क भी बढ़ा रही है। इस छोटे से ट्रेड वॉर की वजह से दूसरे देशों के सामान भी तो नहीं आ पा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो सरकार की ओर से कुछ कंपनियों को सरकार न भारत में सामान आयात करने की परमीशन दे दी है।

इन कंपनियों को मिली छूट
मीडिया रिपोर्ट के अनुसाार डेल, एचपी, एप्पल, सिस्को और सैमसंग जैसी कंपनियों को सामान आयात करने की राहत दी है। सरकार ने दिल्ली और चेन्नई में इन फर्मों के आयात की सहमति जताते हुए ट्रेड के लिए अच्छे दिए हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शीर्ष स्तरीय आयातकों को 100 फीसदी जांच परीक्षण में छूट मिली है। जिसके तहत आयातक एईओ-टी3 कैटेगरी के मापदंडों के तहत नियमों का पूरा करेगी उन्हें छूट दी जएगी। जिसके तहत इस छूट के लिए 11 कम्पनियों की लिस्ट फाइनल की गई है। आपको बता दे कि आयातकों और निर्यातकों को एईओ-टी1, एईओ-टी2 और एईओ-टी3 में बांटा गया है. जिसमें एईओ-टी3 कानूनी और सुरक्षा मापदंडों के उच्चस्तर को दर्शाता है।

कंपनियों का फंसा हुआ था सामान
जानकारी के अनुसार एप्पल, डेल, एचपी और सिस्को के सामानों की बड़ी खेप भारत की कई बंदरगाहों पर क्लीयर होते हैं। रिपोर्ट के अनुसार एप्पल, सिस्को और डेल जैसी अमरीकी कंपनियों के प्रोडक्ट भारत-चीन सीमा तनाव की वजह से फंसे पड़े थे। इसका कारण चीन से आने वाला सामान भारतीय बंदरगाहों पर आता है। कस्टम ऑफिसर्स की ओर से इन सामानों को बंदरगाह पर रोक दिया था। उनसे ऑथराइज्ड पेपर्स की मांग की गई थी।

चीन पर से निर्भरता कम करना चाहता है एप्पल
दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल बनाने कंपनी एप्पल प्रोडक्शन चीन में ही होता है। यहीं उसका सामान भारत भी आता है। वहीं एप्पल भी अब चीन से अपनी डिपेंडेंसी को कम करने के चक्कर में है। एप्पल बाकी दूसरे ब्रांड की तरह हैंडसेट तैया नहीं करता है। फॉक्सकॉन और विस्ट्रॉन की ओर से पहले ही प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम के तहत अपने आवेदन जमा किए हुए हैं। वैसे साउथ कोरियाई दिग्गज कंपनी सैमसंग भी अगले पांच वर्षों में भारत में 20 बिलियन डॉलर मूल्य के हैंडसेट बनाने और निर्यात करने की योजना बना रहा है।

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